दीघनिकाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:00, 19 October 2010 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "आखिर" to "आख़िर")
Jump to navigation Jump to search

गद्य एवं पद्य दोनों में रचित इस निकाय में बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों का समर्थन एवं अन्य धर्मो के सिद्धान्तों का खण्डन किया गया है। इस निकाय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुत्त है-

  • ‘महापरिनिब्बानसुत्त‘।

इस निकाय में महात्मा बुद्ध के जीवन के आख़िरी जीवन, अन्तिम उपदेशों, मृत्यु तथा अन्त्येष्टि का वर्णन किया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः