Difference between revisions of "अंग अंग चंदन वन -कन्हैयालाल नंदन"
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− | एक नाम अधरों पर आया | + | एक नाम अधरों पर आया, |
− | अंग-अंग चन्दन | + | अंग-अंग चन्दन वन हो गया। |
− | वन हो गया। | ||
बोल हैं कि वेद की ऋचाएँ? | बोल हैं कि वेद की ऋचाएँ? | ||
− | साँसों में सूरज उग आए | + | साँसों में सूरज उग आए, |
आँखों में ऋतुपति के छन्द | आँखों में ऋतुपति के छन्द | ||
− | तैरने लगे | + | तैरने लगे मन सारा नील गगन हो गया। |
− | मन सारा | ||
− | नील गगन हो गया। | ||
− | गन्ध गुंथी बाहों का घेरा | + | गन्ध गुंथी बाहों का घेरा, |
− | जैसे मधुमास का सवेरा | + | जैसे मधुमास का सवेरा, |
− | फूलों की भाषा में | + | फूलों की भाषा में देह बोलने लगी, |
− | देह बोलने लगी | + | पूजा का एक जतन हो गया। |
− | पूजा का | ||
− | एक जतन हो गया। | ||
पानी पर खींचकर लकींरें | पानी पर खींचकर लकींरें | ||
काट नहीं सकते जंज़ीरें। | काट नहीं सकते जंज़ीरें। | ||
− | आसपास | + | आसपास अजनबी अंधेरों के डेरे हैं |
− | अजनबी अंधेरों के डेरे हैं | + | अग्निबिन्दु और सघन हो गया! |
− | अग्निबिन्दु | ||
− | और सघन हो गया! | ||
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Latest revision as of 04:34, 14 December 2011
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