Difference between revisions of "अजयगढ़"
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m (अजयगढ़ मध्य प्रदेश का नाम बदलकर अजयगढ़ कर दिया गया है) |
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− | + | '''अजयगढ़''' [[मध्य प्रदेश]] [[राज्य]] के [[बुंदेलखंड]] की एक प्राचीन रियासत है। | |
*कहा जाता है इस नगर को [[दशरथ]] के पिता [[अज]] ने बसाया था। | *कहा जाता है इस नगर को [[दशरथ]] के पिता [[अज]] ने बसाया था। | ||
*अजयगढ़ का प्राचीन नाम अजगढ़ ही है। | *अजयगढ़ का प्राचीन नाम अजगढ़ ही है। | ||
− | *नगर [[केन नदी]] के समीप एक पहाड़ी पर बसा हुआ है। | + | *अजयगढ़ नगर [[केन नदी]] के समीप एक पहाड़ी पर बसा हुआ है। |
*पहाड़ी पर अज ने एक दुर्ग बनवाया था- ऐसी किंवदंती भी यहाँ प्रचलित है। | *पहाड़ी पर अज ने एक दुर्ग बनवाया था- ऐसी किंवदंती भी यहाँ प्रचलित है। | ||
*कुछ लोगों का कहना है कि किला राजा अजयपाल का बनवाया हुआ है पर इस नाम के राजा का उल्लेख इस प्रदेश के इतिहास में नहीं मिलता। | *कुछ लोगों का कहना है कि किला राजा अजयपाल का बनवाया हुआ है पर इस नाम के राजा का उल्लेख इस प्रदेश के इतिहास में नहीं मिलता। | ||
*यह दुर्ग कलिंजर के मिले के समान ही सुदृढ़ समझा जाता है। | *यह दुर्ग कलिंजर के मिले के समान ही सुदृढ़ समझा जाता है। | ||
− | *पर्वत के दक्षिणी भाग में हिन्दू-बौद्ध तथा जैन मंदिरों तथा मूर्तियों के ध्वंसावशेष मिलते हैं। | + | *[[पर्वत]] के दक्षिणी भाग में हिन्दू-बौद्ध तथा जैन मंदिरों तथा मूर्तियों के ध्वंसावशेष मिलते हैं। |
*खजुराहो-शैली में बने हुए चार विहार तथा तीन सरोवर भी उल्लेखनीय हैं। | *खजुराहो-शैली में बने हुए चार विहार तथा तीन सरोवर भी उल्लेखनीय हैं। | ||
− | *अजयगढ़ चंदेल राजाओं के शासनकाल में उन्नति के शिखर पर था। | + | *अजयगढ़ [[चंदेल वंश|चंदेल]] राजाओं के शासनकाल में उन्नति के शिखर पर था। |
− | *[[पृथ्वीराज चौहान]] के समकालीन | + | *[[पृथ्वीराज चौहान]] के समकालीन चंदेल नरेश परमर्दिदेव या परमाल के बनवाए कई मंदिर और सरोवर यहां हैं। |
*पृथ्वीराज ने परमाल को पराजित करने के पश्चात् धसान नदी के पश्चिमी भाग को अपने अधिकार में रखकर अजयगढ़ को उसी के पास छोड़ दिया था। | *पृथ्वीराज ने परमाल को पराजित करने के पश्चात् धसान नदी के पश्चिमी भाग को अपने अधिकार में रखकर अजयगढ़ को उसी के पास छोड़ दिया था। | ||
− | *चंदेलों का अजयगढ़ पर कई सौ वर्षों तक राज्य रहा था और यह नगर उनके राज्य के मुख्य स्थानों में से था। | + | *चंदेलों का अजयगढ़ पर कई सौ [[वर्ष|वर्षों]] तक राज्य रहा था और यह नगर उनके राज्य के मुख्य स्थानों में से था। |
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Revision as of 06:28, 15 November 2011
ajayagadh madhy pradesh rajy ke buandelakhand ki ek prachin riyasat hai.
- kaha jata hai is nagar ko dasharath ke pita aj ne basaya tha.
- ajayagadh ka prachin nam ajagadh hi hai.
- ajayagadh nagar ken nadi ke samip ek paha di par basa hua hai.
- paha di par aj ne ek durg banavaya tha- aisi kianvadanti bhi yahaan prachalit hai.
- kuchh logoan ka kahana hai ki kila raja ajayapal ka banavaya hua hai par is nam ke raja ka ullekh is pradesh ke itihas mean nahian milata.
- yah durg kalianjar ke mile ke saman hi sudridh samajha jata hai.
- parvat ke dakshini bhag mean hindoo-bauddh tatha jain mandiroan tatha moortiyoan ke dhvansavashesh milate haian.
- khajuraho-shaili mean bane hue char vihar tatha tin sarovar bhi ullekhaniy haian.
- ajayagadh chandel rajaoan ke shasanakal mean unnati ke shikhar par tha.
- prithviraj chauhan ke samakalin chandel naresh paramardidev ya paramal ke banavae kee mandir aur sarovar yahaan haian.
- prithviraj ne paramal ko parajit karane ke pashchath dhasan nadi ke pashchimi bhag ko apane adhikar mean rakhakar ajayagadh ko usi ke pas chho d diya tha.
- chandeloan ka ajayagadh par kee sau varshoan tak rajy raha tha aur yah nagar unake rajy ke mukhy sthanoan mean se tha.
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