Difference between revisions of "कुलपति"
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|अर्थ=[[परिवार]] का स्वामी, गृहपति, [[प्राचीन भारत]] में गुरुकुल का अधिष्ठाता या आचार्य, किसी विश्वविद्यालय का सर्वोच्च शैक्षिक अधिकारी | |अर्थ=[[परिवार]] का स्वामी, गृहपति, [[प्राचीन भारत]] में गुरुकुल का अधिष्ठाता या आचार्य, किसी विश्वविद्यालय का सर्वोच्च शैक्षिक अधिकारी | ||
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− | |उदाहरण=एक समय की बात है, [[नैमिषारण्य]] में '''कुलपति''' [[ शौनक|महर्षि शौनक]] के बारह वर्षो तक चालू रहने वाले [[सत्र]] में जब उत्तम एवं कठोर ब्रह्मर्षिगण अवकाश के समय सुखपूर्वक बैठे थे, सूत कुल को आनन्दित करने वाले लोमहर्षण पुत्र | + | |उदाहरण=एक समय की बात है, [[नैमिषारण्य]] में '''कुलपति''' [[ शौनक|महर्षि शौनक]] के बारह वर्षो तक चालू रहने वाले [[सत्र]] में जब उत्तम एवं कठोर ब्रह्मर्षिगण अवकाश के समय सुखपूर्वक बैठे थे, सूत कुल को आनन्दित करने वाले लोमहर्षण पुत्र उग्रश्रवा सौति स्वयं कौतूहलवश उन ब्रह्मर्षियों के समीप बड़े विनीत भाव से आये। |
− | |विशेष=जो | + | |विशेष=जो विद्वान् [[ब्राह्मण]] अकेला ही दस सहस्त्र जिज्ञासु व्यक्तियों का अन्न-दानादि के द्वारा भरण-पोषण करता है, उसे कुलपति कहते हैं। |
|विलोम= | |विलोम= | ||
|पर्यायवाची= | |पर्यायवाची= |