अपवारित
अपवारित (विशेषण) (भू. क. कृ.) [अप+वृ+णिच्+क्त]
- ढका हुआ, छिपा हुआ,-तम्, अपवारितकम् (क्रि. वि.) [अप+वृ+णिच्+क्त] छिपा हुआ या गुप्त ढंग, -तम्, अपवारितकेन, अपवार्य (अव्य.) (नाटकों में बहुधा प्रयुक्त) 'पृथक्' 'एक ओर' अर्थ प्रकट करने वाला अव्यय (विप. प्रकाशम्) यह ढंग से बोलने को कहते हैं कि केवल वही सुने जिसे कहा गया है-तद्भवेदपवारितं रहस्य तु यदन्यस्य परावृत्य प्रकाश्यते, त्रिपताककरेणान्यमपवार्यान्तरां कथाम्-सा. द. 6[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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