अपाङ्ग:-गक
अपाङ्गः-गक (पुल्लिंग) [अपाङ्ग तिर्यक् चलति नेत्रं यत्र अप+अङ्ग घञ्, कन् च]
सम.-दर्शनम् (नपुं.)-दृष्टि: (स्त्रीलिंग)-विलोकितम् (नपुं.),-वीक्षणम् (नपुं.) तिरछी चितवन, कनखियों से देखना, पलक झपकना,-देशः (पुल्लिंग) आँख की कोर, नेत्र (विशेषण) सुन्दर कनखियों से युक्त आँखों वाला (यह प्रायः स्त्रियों का विशेषण है)।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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