अराजक
अराजक (विशेषण) [न. ब.]
- बिना राजा का, जहाँ राजा न हो - 'नाराजके जनपदे रामा.', मनुस्मृति 7/3, अराजके जीवलोके दुर्बला बलवत्तरैः, पीड्यते न हि वित्तेषु प्रभुत्वं कस्यचित्तदा । महा., शोच्यं राज्यमराजकम् -चाण. 57[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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