चिंकारा
चिंकारा
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जगत | जंतु |
संघ | रज्जुकी |
वर्ग | स्तनपायी |
गण | द्विखुरीयगण |
कुल | बोविडी |
जाति | जी. बॅनॅटि |
प्रजाति | गज़ॅला |
द्विपद नाम | गज़ॅला बॅनॅटि |
अन्य जानकारी | चिंकारा बिना जल के लम्बे समय तक रह सकता है। यह राजस्थान का राज्य पशु है, जिससे इस जीव की महत्ता का पता चलता है। |
चिंकारा एक प्रकार का छोटा हिरण, जो दक्षिण एशिया में पाया जाता है। यह एक शर्मिला जीव है और मानव आबादी से दूर रहना ही पसंद करता है। यद्यपि चिंकारा अकेला रहने वाला जीव है, किंतु कभी-कभी यह प्राणी एक से चार के झुण्ड में भी दिखाई दे जाता है। राजस्थान का राज्य पशु होने का गौरव चिंकारा को प्राप्त है।
- भारत, बांग्लादेश के घास के मैदानों और मरुभूमि में तथा ईरान और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भी चिंकारा पाया जाता है।
- चिंकारा की ऊँचाई कन्धे तक 65 से.मी. होती है और वज़न लगभग 23 किलोग्राम तक होता है।
- ग्रीष्म ऋतु में इस प्राणी की खाल का रंग लाल-भूरा हो जाता है और पेट तथा अंदुरुनी पैरों का रंग हल्का भूरा लिये हुये सफ़ेद होता है।
- शीत ऋतु में चिंकारा का रंग और गहरा हो जाता है। इसके चेहरे के किनारों में आँख के किनारे से नथुनों तक एक काली धारी होती है, जिसके किनारे पर सफ़ेद धारी होती है।
- चिंकारा के सींग लगभग 39 से.मी. तक लम्बे हो सकते हैं।
- यह एक शर्मीला प्राणी है और ऐसे क्षेत्र जहाँ मानव आबादी हो, वहाँ से दूर ही रहता है।
- यह प्राणी बिना जल के लम्बे समय तक रह सकता है।
- चिंकारा राजस्थान का राज्य पशु है, जिससे इस जीव की महत्ता का पता चलता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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- REDIRECT साँचा:जीव जन्तु