रहिमन छोटे नरन सों -रहीम
‘रहिमन’ छोटे नरन सों, होत बड़ो नहिं काम ।
मढ़ो दमामो ना बनै, सौ चूहों के चाम ॥
- अर्थ
छोटे आदमियों से कोई बड़ा काम नहीं बना करता, सौ चूहों के चमड़े से भी जैसे नगाड़ा नहीं मढ़ा जा सकता।
left|50px|link=रहिमन चुप ह्वै बैठिए -रहीम|पीछे जाएँ | रहीम के दोहे | right|50px|link=रहिमन जग जीवन बड़े -रहीम|आगे जाएँ |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख