तैत्तिरीयोपनिषद भृगुवल्ली अनुवाक-1: Difference between revisions
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Latest revision as of 13:44, 13 October 2011
- तैत्तिरीयोपनिषद के भृगुवल्ली का यह पहला अनुवाक है।
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- इस अनुवाक में भृगु वारुणि अपने पिता वरुण के पास जाकर 'ब्रह्म' के बारे में पूछते हैं।
- वरुण उन्हें बताते हैं कि अन्न, प्राण, चक्षु, श्रोत्र, मन और वाणी- ये सभी ब्रह्म की प्राप्ति के साधन हैं। ये सारे प्राणी, जिससे जन्म लेते हैं, उसी में लय हो जाते हैं।
- वही 'ब्रह्म' है। उसे साधना द्वारा जानने का प्रयास करो। इस प्रकार जानकर भृगु तप करने चले गये।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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