आसमानी रंग: Difference between revisions
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Latest revision as of 07:25, 27 July 2012
रंगो का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंगो से हमें विभिन्न स्थितियों का पता चलता है। हम अपने चारों तरफ अनेक प्रकार के रंगो से प्रभावित होते हैं। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं।
- नीला रंग वह है, जिसे प्रकाश के प्रत्यक्ष वर्णक्रम की 4640 Å से 5000 Å [1] की तरंगदैर्घ्य तथा 6.01 - 6.47 की आवृति द्वारा दृश्य किया जाता है।
- आसमानी रंग द्वितीयक रंग की श्रेणी में आता है।
- आसमानी रंग को ठंड़ा रंग माना जाता है।
- आसमान के रंग का होने के कारण इसे आसमानी रंग कहा जाता है।
- आसमानी रंग नीला और सफ़ेद रंग के मिश्रण से प्राप्त होता है।
रंग | आवृति विस्तार | तरंगदैर्ध्य विस्तार |
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आसमानी नीला | 6.01 - 6.47 | 4640 Å से 5000 Å |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Å=10-10 m = 10-8 cm = 10-1nm (nanometre
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