महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे: Difference between revisions
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* पूना में केंद्रीय राष्ट्रभाषा ग्रंथालय चलाने के साथ-साथ अतिरिक्त विभागीय ग्रंथालय – बंबई, नागपुर तथा औरंगाबाद में तथा | * पूना में केंद्रीय राष्ट्रभाषा ग्रंथालय चलाने के साथ-साथ अतिरिक्त विभागीय ग्रंथालय – बंबई, नागपुर तथा औरंगाबाद में तथा ज़िला ग्रंथालय नासिक, [[अहमदनगर]], धुलिया, सांगली, कोल्हापुर, रत्नागिरी, [[बैंगलोर]], लातूर, [[सातारा ज़िला|सातारा]], [[जलगाँव]] तथा [[नांदेड़]] में हैं। <ref>{{cite web |url=http://www.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81_-%E0%A4%B6%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5_%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%82%E0%A4%A2%E0%A5%87 |title=हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ |accessmonthday=25 मार्च |accessyear=2014 |last=लोंढे |first=शंकरराव |authorlink= |format= |publisher=भारतकोश |language= हिंदी}}</ref> | ||
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महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा पुणे में स्थित एक हिंदी सेवी संस्था है।
स्थापना
मराठी-भाषी प्रदेश में राष्ट्रभाषा हिन्दी का प्रचार करने हेतु महात्मा गांधी जी की प्रेरणा से महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे की स्थापना हुई। आचार्य काका साहब कालेलकर जी की अध्यक्षता में दिनांक 22 मई, 1937 को पूना में महाराष्ट्र के रचनात्मक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक व सांस्कृतिक नेताओं आदि का सम्मेलन संपन्न हुआ और फिर महाराष्ट्र हिन्दी प्रचार समिति राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा से संबद्ध रही। फिर 12 अक्तूबर, 1945 को यह समिति ‘महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे’ के नाम से काम करने लगी।
विशेषताएँ
- सभा द्वारा संचालित राष्ट्रभाषा प्रबोध, प्रवीण तथा पंडित परीक्षाओं को भारत सरकार द्वारा हिन्दी की योग्यता की दृष्टि से क्रमश: एस. एस. सी., इंटर और बी. ए. के समकक्ष निर्धारित किया गया है।
- सभा की इन परिक्षाओं में अब तक 5 लाख से अधिक परिक्षार्थी सम्मिलित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त सभा द्वारा संचालित हिन्दी हाई स्कूल की अपनी विशेषता है।
- संस्था की ओर से कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, नासिक, अहमदाबाद, धुले, रत्नागिरी, औरंगाबाद, नागपुर, नांदेड़ आदि शहरों में शिक्षण केंद्र चलाए जाते हैं।
- पूना में केंद्रीय राष्ट्रभाषा ग्रंथालय चलाने के साथ-साथ अतिरिक्त विभागीय ग्रंथालय – बंबई, नागपुर तथा औरंगाबाद में तथा ज़िला ग्रंथालय नासिक, अहमदनगर, धुलिया, सांगली, कोल्हापुर, रत्नागिरी, बैंगलोर, लातूर, सातारा, जलगाँव तथा नांदेड़ में हैं। [1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लोंढे, शंकरराव। हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
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