|
|
Line 44: |
Line 44: |
| -मौलिक अधिकार | | -मौलिक अधिकार |
| -संविधान के सभी अनुच्छेद | | -संविधान के सभी अनुच्छेद |
|
| |
| {[[भारत]] के पहले [[उपप्रधानमंत्री|उप-प्रधानमंत्री]] कौन रहे हैं?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मोरारजी देसाई]]
| |
| +[[सरदार वल्लभ भाई पटेल]]
| |
| -[[चौधरी देवी लाल]]
| |
| -[[जे. बी. कृपलानी|आचार्य जे. बी. कृपलानी]]
| |
| ||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|सरदार वल्लभ भाई पटेल|100px|right]]सरदार वल्लभ भाई पटेल का उपनाम सरदार पटेल है। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म [[31 अक्टूबर]] [[1875]], नाडियाड [[गुजरात]], [[भारत]] में हुआ था। सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे। भारत के स्वाधीनता संग्राम के दौरान वे [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के नेताओं में से एक थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरदार वल्लभ भाई पटेल]]
| |
|
| |
| {निम्न में से किसने सबसे लम्बी अवधि तक एक ही विभाग का कार्यभार संभाला था?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[जगजीवन राम]]
| |
| +[[राजकुमारी अमृत कौर]]
| |
| -स्वर्ण सिंह
| |
| -टी. टी. कृष्णमचारी
| |
| ||[[चित्र:Rajkumari-Amrit-Kaur.jpg|100px|right|राजकुमारी अमृत कौर]]राजकुमारी अमृत कौर [[भारत]] की एक प्रख्यात गांधीवादी, स्वतंत्रता सेनानी और एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वे [[कपूरथला]] के शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं। राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] के प्रभाव में आने के बाद ही उन्होंने भौतिक जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को छोड़ दिया और तपस्वी का जीवन अपना लिया था। राजकुमारी अमृत कौर देश की स्वतंत्रता के बाद भारतीय मंत्रिमण्डल में सबसे लम्बी अवधि दस साल तक स्वास्थय मंत्री रहीं। देश की पहली महिला कैबिनेट मंत्री होने का सम्मान उन्हें प्राप्त है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजकुमारी अमृत कौर]]
| |
|
| |
| {निम्न में से कौन जनता द्वारा [[प्रत्यक्ष]] रूप से निर्वाचित सदन है?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[लोकसभा]]
| |
| -[[राज्यसभा]]
| |
| -उपर्युक्त दोनों
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| ||अनुच्छेद 81(1) (क) तथा (ख) के अनुसार लोकसभा का गठन राज्यों में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने हुए 530 से अधिक न होने वाले सदस्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 20 से अधिक न होने वाले सदस्यों के द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार लोकसभा में [[भारत]] की जनसंख्या द्वारा निर्वाचित 550 सदस्य हो सकते हैं। अनुच्छेद 331 के अनुसार यदि [[राष्ट्रपति]] की राय में लोकसभा में आंग्ल भारतीय समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिला हो तो वह आंग्ल भारतीय समुदाय के दो व्यक्तियों को लोकसभा के लिए नाम निर्देशित कर सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोकसभा]]
| |
|
| |
| { मूल संविधान में राज्यों को कितने प्रवर्गों में रखा गया?
| |
| |type="()"}
| |
| -1
| |
| +4
| |
| -7
| |
| -3
| |
|
| |
| {[[लोकसभा]] की सदस्यता के लिए उम्मीदवार को कितने वर्ष से कम नहीं होना चाहिए?
| |
| |type="()"}
| |
| -18 वर्ष
| |
| -21 वर्ष
| |
| -24 वर्ष
| |
| +25 वर्ष
| |
| </quiz> | | </quiz> |
| |} | | |} |