नगरपालिका वर्णन -काका हाथरसी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
(गोविन्द राम (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 583624 को पूर्ववत किया)
 
Line 25: Line 25:
|}
|}
<div style="height: 250px; overflow:auto; overflow-x: hidden; width:99%">
<div style="height: 250px; overflow:auto; overflow-x: hidden; width:99%">
विमुद्रीकरण (अंग्रेज़ी:Demonenitization) एक आर्थिक गतिविधि है जिसके अंतर्गत सरकार पुरानी मुद्रा को समाप्त कर देती है और नई मुद्रा को प्रचलित करती है। जब काला धन बढ़ जाता है और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन जाता है तो इसे दूर करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। जिनके पास काला धन होता है, वह उसके बदले में नई मुद्रा लेने का साहस नहीं जुटा पाते हैं और काला धन स्वयं ही नष्ट हो जाता है।
{{काका हाथरसी की रचनाएँ}}
</div></div>
</div></div>
|}
|}
Line 32: Line 32:
<poem>
<poem>
पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़
पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़
मक्खी , मच्छर , गंदगी का रहता हो राज
मक्खी, मच्छर, गंदगी का रहता हो राज
का रहता हो राज , सड़क हों टूटी - फूटी
का रहता हो राज, सड़क हों टूटी - फूटी
नगरपिता मदमस्त , छानते रहते बूटी
नगरपिता मदमस्त, छानते रहते बूटी
कहँ ‘ काका ' कविराय , नहीं वह नगरपालिका
कहँ ‘ काका ' कविराय, नहीं वह नगरपालिका
बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘ नरकपालिका '  
बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘ नरकपालिका '  



Latest revision as of 08:15, 1 February 2017

नगरपालिका वर्णन -काका हाथरसी
कवि काका हाथरसी
जन्म 18 सितंबर, 1906
जन्म स्थान हाथरस, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 18 सितंबर, 1995
मुख्य रचनाएँ काका की फुलझड़ियाँ, काका के प्रहसन, लूटनीति मंथन करि, खिलखिलाहट आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
काका हाथरसी की रचनाएँ

पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़
मक्खी, मच्छर, गंदगी का रहता हो राज
का रहता हो राज, सड़क हों टूटी - फूटी
नगरपिता मदमस्त, छानते रहते बूटी
कहँ ‘ काका ' कविराय, नहीं वह नगरपालिका
बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘ नरकपालिका '

 

















संबंधित लेख