अनकहा इससे अधिक है -दिनेश रघुवंशी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "ह्रदय" to "हृदय") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 64: | Line 64: | ||
यूं तो शिखरों से बड़ी ऊँचाईयों को छू लिया है | यूं तो शिखरों से बड़ी ऊँचाईयों को छू लिया है | ||
छूने को पाताल-सी गहराईयों को छू लिया है | छूने को पाताल-सी गहराईयों को छू लिया है | ||
विष भरी बातें हंसी जब बींध कर मेरे | विष भरी बातें हंसी जब बींध कर मेरे हृदय को | ||
खुश्बुएँ छूकर लगा अच्छाईयों को छू लिया है | खुश्बुएँ छूकर लगा अच्छाईयों को छू लिया है | ||
तुम मिले जिस पल मुझे ऐसा लगा- | तुम मिले जिस पल मुझे ऐसा लगा- | ||
Line 79: | Line 79: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{समकालीन कवि}} | |||
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:दिनेश रघुवंशी]][[Category:गीत]] | [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:दिनेश रघुवंशी]][[Category:गीत]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOEDITSECTION__ | __NOEDITSECTION__ |
Latest revision as of 09:51, 24 February 2017
| ||||||||||||||||
|
तुम अधूरी बात सुनकर चल दिए- |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख