कोंगोद: Difference between revisions

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'''कोंगोद''' का उल्लेख चीनी यात्री [[युवानच्वांग]] ने किया है। युवानच्वांग ने इस देश का उल्लेख महाराजा [[हर्ष वर्धन|हर्ष]] की विजय यात्राओं के प्रसंग में करते हुए लिखा है कि "कोंगोद पर आक्रमण के पश्चात हर्ष [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] की ओर चला गया।"
'''कोंगोद''' का उल्लेख चीनी यात्री [[युवानच्वांग]] ने किया है। युवानच्वांग ने इस देश का उल्लेख महाराजा [[हर्ष वर्धन|हर्ष]] की विजय यात्राओं के प्रसंग में करते हुए लिखा है कि "कोंगोद पर आक्रमण के पश्चात् हर्ष [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] की ओर चला गया।"


*हर्ष का शासनकाल 606-647 ई. है। कोंगोद का अभिज्ञान 'गंजम' ([[उड़ीसा]]) से किया गया है।<ref>डॉ. कु. मुकर्जी-हर्ष, पृ. 85.</ref>
*हर्ष का शासनकाल 606-647 ई. है। कोंगोद का अभिज्ञान 'गंजम' ([[उड़ीसा]]) से किया गया है।<ref>डॉ. कु. मुकर्जी-हर्ष, पृ. 85.</ref>
*श्री ह. कृ. महताब<ref>हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा, पृ. 29.</ref> के अनुसार [[महानदी]] से [[ऋषिकुल्या|ऋषिकुल्या नदी]] तक का विस्तृत भू-भाग कोंगोद कहलाता था।
*श्री ह. कृ. महताब<ref>हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा, पृ. 29.</ref> के अनुसार [[महानदी]] से [[ऋषिकुल्या|ऋषिकुल्या नदी]] तक का विस्तृत भू-भाग कोंगोद कहलाता था।
*चौथी शती ई. में कोंगोद में शैलोद्भव वंश के राज्य की स्थापना हुई थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=228|url=}}</ref>
*चौथी शती ई. में कोंगोद में शैलोद्भव वंश के राज्य की स्थापना हुई थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=228|url=}}</ref>


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कोंगोद का उल्लेख चीनी यात्री युवानच्वांग ने किया है। युवानच्वांग ने इस देश का उल्लेख महाराजा हर्ष की विजय यात्राओं के प्रसंग में करते हुए लिखा है कि "कोंगोद पर आक्रमण के पश्चात् हर्ष बंगाल की ओर चला गया।"

  • हर्ष का शासनकाल 606-647 ई. है। कोंगोद का अभिज्ञान 'गंजम' (उड़ीसा) से किया गया है।[1]
  • श्री ह. कृ. महताब[2] के अनुसार महानदी से ऋषिकुल्या नदी तक का विस्तृत भू-भाग कोंगोद कहलाता था।
  • चौथी शती ई. में कोंगोद में शैलोद्भव वंश के राज्य की स्थापना हुई थी।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. डॉ. कु. मुकर्जी-हर्ष, पृ. 85.
  2. हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा, पृ. 29.
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 228 |

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