के. एन. सिंह: Difference between revisions

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Latest revision as of 06:36, 6 July 2017

के. एन. सिंह सूची
के. एन. सिंह
पूरा नाम कृष्ण निरंजन सिंह
प्रसिद्ध नाम के. एन. सिंह
जन्म 1 सितंबर, 1908
जन्म भूमि देहरादून
मृत्यु 31 जनवरी, 2000
मृत्यु स्थान देहरादून
अभिभावक पिता- चंडी दास
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनेता
मुख्य फ़िल्में हुमायूं (1944), बरसात (1949), सज़ा व आवारा (1951), जाल व आंधियां (1952) आदि।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी के.एन. सिंह अपनी इस खासियत के लिये भी पहचाने जाते थे कि वो किरदार में घुस कर एक्टिंग तो करते हैं लेकिन ओवर एक्टिंग नहीं। उनका किरदार परदे पर चीखने-चिल्लाने से सख़्त परहेज़ रखता था। उन्हें यकीन था कि हर किरदार में एक क्रियेटीविटी है, स्कोप है।
अद्यतन‎ 04:58, 1 जुलाई 2017 (IST)

कृष्ण निरंजन सिंह (अंग्रेज़ी:Krishna Niranjan Singh; जन्म- 1 सितंबर, 1908, देहरादून, मृत्यु- 31 जनवरी, 2000, देहरादून) भारतीय सिनेमा के खलनायक अभिनेता थे। के. एन. सिंह ने लगभग 250 फ़िल्मों में धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करायी हैं।

संक्षिप्त परिचय

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के. एन. सिंह का जन्म 1 सितंबर, 1908 को देहरादून में हुआ था। उनके पिता चंडी दास एक जाने-माने वकील (क्रिमिनल लॉएर) थे और देहरादून में कुछ प्रांत के राजा भी थे। इन्हें के. एन. सिंह के नाम से भी जाना जाता है। कृष्ण निरंजन भी उनकी तरह वकील बनना चाहते थे लेकिन अप्रत्याशित घटना चक्र उन्हें फ़िल्मों की ओर खींच ले आया। मंजे हुए अभिनय के बल पर के. एन. सिंह एक चरित्र अभिनेता बने व विलेन के रूप में स्थापित हुए। सुनहरा संसार (1936) इनकी पहली फ़िल्म थी। बागवान (1936) में इनका नेगेटिव रोल था। जनता को यह भूमिका बहुत भायी व लंबे समय तक विलेन के रूप में उनके नाम पर मोहर लग गई।

फ़िल्मी सफ़र

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

के. एन. सिंह को अपने पिता द्वारा अपनी जागीर का ब्रिटिश सरकार से समझौता पसंद नहीं आया। तभी वे वकालत से मुंह मोड़कर खेल के मैदान में उतर गये। 1936 के बर्लिन ओलंपिक्स के लिये वह जेवलिन थ्रो व शॉट पुट स्पर्धाओं के लिये भारतीय टीम के लिये चुन लिये गये थे। तभी एन मौके पर उन्हें बहिन की आंख के ऑपरेशन के लिये कलकत्ता जाना पड़ा। क्योंकि उनके जीजा लंदन गये हुए थे। कलकत्ता में उनकी मुलाकात फेमिली फ्रेंड पृथ्वी राजकपूर से हुई। इन्हीं ने के. एन. सिंह को देवकी बॉस से मिलाया। देवकी ने अपनी फ़िल्म सुनहरा संसार (1936) में सहायक की भूमिका दी। यहां से के. एन. सिंह फ़िल्मों में ऐसे रमें कि खेल का मैदान व सेना में भर्ती का विचार उड़न छू हो गया।

प्रमुख फ़िल्में

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

1936 से 1982 तक के.एन. सिंह ने लगभग 250 फ़िल्में हुमायूं (1944), बरसात (1949), सज़ा व आवारा (1951), जाल व आंधियां (1952), शिकस्त व बाज़ (1953), हाऊस नं. 44 व मेरीन ड्राईव (1955), फंटूश व सी0आई0डी0 (1956), हावड़ा ब्रिज व चलती का नाम गाड़ी (1958) आदि की।

निधन

के. एन. सिंह का देहांत 31 जनवरी, 2000 में हुआ था।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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