मणिकरण: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''मणिकरण''' भारत के प्रसिद्ध पहाड़ी राज्य [[हिमाचल प्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " आलावा " to " अलावा ") |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''मणिकरण''' [[भारत]] के प्रसिद्ध पहाड़ी राज्य [[हिमाचल प्रदेश]] में स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थल [[कुल्लू |कुल्लू]] से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मणिकरण [[हिन्दू]] और [[मुस्लिम]] दोनों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। | {{सूचना बक्सा पर्यटन | ||
|चित्र=Manikaran-3.jpg | |||
|चित्र का नाम=मणिकरण का एक दृश्य | |||
|विवरण=मणिकरण [[भारत]] के प्रसिद्ध पहाड़ी राज्य [[हिमाचल प्रदेश]] में स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थल [[कुल्लू |कुल्लू]] से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पार्वती की घाटी में है। | |||
|राज्य=[[हिमाचल प्रदेश]] | |||
|केन्द्र शासित प्रदेश= | |||
|ज़िला=कुल्लू ज़िला | |||
|निर्माता= | |||
|स्वामित्व= | |||
|प्रबंधक= | |||
|निर्माण काल= | |||
|स्थापना= | |||
|भौगोलिक स्थिति=उत्तर- 31.97°, पूर्व- 77.10° | |||
|मार्ग स्थिति=राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या– 21 द्वारा [[अंबाला]], [[चंडीगढ़]], [[बिलासपुर हिमाचल प्रदेश|बिलासपुर]], [[मंडी हिमाचल प्रदेश|मंडी]] होते हुए या [[पठानकोट]], [[पालमपुर]], योगेंद्र नगर और मंडी से [[दिल्ली]], चंडीगढ़, शिमला आदि होते हुए भी कुल्लू पहुँचा जा सकता हैं। | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|कब जाएँ=[[अप्रैल]] और [[जून]] | |||
|यातायात= | |||
|हवाई अड्डा= | |||
|रेलवे स्टेशन= | |||
|बस अड्डा= | |||
|कैसे पहुँचें=पर्यटक मणिकरण रेल मार्ग, हवाई मार्ग या फिर सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से आ सकते हैं। | |||
|क्या देखें= | |||
|कहाँ ठहरें=होटल, अतिथि-ग्रह, धर्मशाला | |||
|क्या खायें= | |||
|क्या ख़रीदें= | |||
|एस.टी.डी. कोड= | |||
|ए.टी.एम= | |||
|सावधानी= | |||
|मानचित्र लिंक=[https://www.google.co.in/maps/dir/Manikaran,+Himachal+Pradesh/New+Delhi,+Delhi/@30.3009559,74.5897956,7z/data=!3m1!4b1!4m13!4m12!1m5!1m1!1s0x39045ce506da635f:0xe8140773a32e4f73!2m2!1d77.3511063!2d32.0267951!1m5!1m1!1s0x390cfd5b347eb62d:0x52c2b7494e204dce!2m2!1d77.2090212!2d28.6139391?hl=en गूगल मानचित्र] | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी= | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''मणिकरण''' [[भारत]] के प्रसिद्ध पहाड़ी राज्य [[हिमाचल प्रदेश]] में स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थल [[कुल्लू |कुल्लू]] से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पार्वती की घाटी में है। मणिकरण [[हिन्दू]] और [[मुस्लिम]] दोनों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। | |||
{{tocright}} | {{tocright}} | ||
==अर्थ व कथा== | ==अर्थ व कथा== | ||
मणिकरण 1737 मीटर की ऊँचाई पर स्थित बहुत ही सुन्दर क्षेत्र है। यह हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध इलाकों में से गिना जाता है। मणिकरण का अर्थ है- "बहुमूल्य रत्न"। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान [[शिव]] की पत्नी [[पार्वती]] ने अपना बहुमूल्य [[रत्न]] यहाँ के किसी जलाशय में खो दिया दिया। माँ पार्वती के निवेदन पर भगवान शिव ने अपने अनुयायीयों को रत्न खोजने के लिए कहा। लेकिन शिव के सेवक इस कार्य में सफल नहीं हो सके। तब | मणिकरण 1737 मीटर की ऊँचाई पर स्थित बहुत ही सुन्दर क्षेत्र है। यह हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध इलाकों में से गिना जाता है। मणिकरण का अर्थ है- "बहुमूल्य रत्न"। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान [[शिव]] की पत्नी [[पार्वती]] ने अपना बहुमूल्य [[रत्न]] यहाँ के किसी जलाशय में खो दिया दिया। माँ पार्वती के निवेदन पर भगवान शिव ने अपने अनुयायीयों को रत्न खोजने के लिए कहा। लेकिन शिव के सेवक इस कार्य में सफल नहीं हो सके। तब भगवान शिव ने क्रोध में अपना तृतीय नेत्र खोला, जिसके कारण धरती में दरार पड़ गई और बहुमूल्य रत्नों और जवाहरातों का सृजन हुआ। | ||
===दर्शनीय स्थल=== | |||
'गुरु नानक देवजी गुरुद्वारा' मणिकरण का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह धारणा है कि [[सिक्ख धर्म]] के संस्थापक [[गुरु नानक देव]] अपने 5 चेलों के साथ इस स्थान पर आये थे। यहाँ गुरुद्वारे में बहता गर्म पानी लोगों के लिये एक मुख्य आकर्षण है। इसके | 'गुरु नानक देवजी गुरुद्वारा' मणिकरण का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह धारणा है कि [[सिक्ख धर्म]] के संस्थापक [[गुरु नानक देव]] अपने 5 चेलों के साथ इस स्थान पर आये थे। यहाँ गुरुद्वारे में बहता गर्म पानी लोगों के लिये एक मुख्य आकर्षण है। इसके अलावा यात्री 'शिव मंदिर' के भी दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर की यह विशेषता है कि वर्ष [[1905]] में आये तीव्र [[भूकंप]] से यह थोड़ा-सा झुक गया, लेकिन धराशायी नहीं हुआ। उस समय आने वाले भूकंप की रिक्टेयर स्केल पर तीव्रता आठ थी। यहाँ का 'राम मंदिर' भी प्रसिद्ध है। मणिकरण के अन्य दार्शनिक स्थल हैं- | ||
#हरिंदर पहाड़ी | #हरिंदर पहाड़ी | ||
#पार्वती नदी | #[[पार्वती नदी]] | ||
#शोजा | #शोजा | ||
#मलन और किर्गंगा | #मलन और किर्गंगा | ||
===विषेशता=== | |||
यह उमामहेश्वर क्षेत्र है। [[पार्वती नदी]] के किनारे ही नहीं, धारा में भी कई स्थान से गरम पानी फुहारे की तरह ऊपर उठता है। जबकि पार्वती का जल हिमशीतल है। यहाँ खौलते पानी के स्रोत डेढ़ मील तक स्थान-स्थान पर मिलते हैं। ये पानी इतना गरम होता है कि लोग उसमें चावल-आलू पकाते हैं। नदी के तट पर गरम पानी के कुण्ड बने हैं। उनका पानी स्नान के लिए ठीक है<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम= हिन्दूओं के तीर्थ स्थान|लेखक= सुदर्शन सिंह 'चक्र'|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=|संकलन=|संपादन=|पृष्ठ संख्या=20|url=}}</ref>। | |||
;कब जायें | ;कब जायें | ||
मणिकरण के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध हैं। इसे देखने का सबसे अच्छा समय [[अप्रैल]] और [[जून]] के बीच का है। | मणिकरण के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध हैं। इसे देखने का सबसे अच्छा समय [[अप्रैल]] और [[जून]] के बीच का है। | ||
;कैसे पहुँचें | ;कैसे पहुँचें | ||
Line 17: | Line 56: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==विथिका== | |||
<center> | |||
मणिकरण | |||
<gallery> | |||
चित्र:Manikaran-4.jpg | |||
चित्र:Manikaran-5.jpg | |||
चित्र:Manikaran-6.jpg | |||
चित्र:Manikaran-7.jpg | |||
चित्र:Manikaran-8.jpg | |||
चित्र:Manikaran-9.jpg | |||
चित्र:Manikaran-10.jpg | |||
चित्र:Manikaran-11.jpg | |||
चित्र:Manikaran-14.jpg | |||
चित्र:Manikaran-13.jpg | |||
</gallery> | |||
</center> | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{हिमाचल प्रदेश के नगर}}{{हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | {{हिमाचल प्रदेश के नगर}}{{हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:हिमाचल प्रदेश]][[Category:हिमाचल प्रदेश के नगर]][[Category:हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:भारत के नगर]][[Category:पर्यटन कोश]] | [[Category:हिमाचल प्रदेश]][[Category:हिमाचल प्रदेश के नगर]][[Category:हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:भारत के नगर]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 14:20, 13 September 2017
मणिकरण
| |
विवरण | मणिकरण भारत के प्रसिद्ध पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थल कुल्लू से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पार्वती की घाटी में है। |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
ज़िला | कुल्लू ज़िला |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 31.97°, पूर्व- 77.10° |
मार्ग स्थिति | राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या– 21 द्वारा अंबाला, चंडीगढ़, बिलासपुर, मंडी होते हुए या पठानकोट, पालमपुर, योगेंद्र नगर और मंडी से दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला आदि होते हुए भी कुल्लू पहुँचा जा सकता हैं। |
कब जाएँ | अप्रैल और जून |
कैसे पहुँचें | पर्यटक मणिकरण रेल मार्ग, हवाई मार्ग या फिर सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से आ सकते हैं। |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि-ग्रह, धर्मशाला |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
मणिकरण भारत के प्रसिद्ध पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थल कुल्लू से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पार्वती की घाटी में है। मणिकरण हिन्दू और मुस्लिम दोनों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।
अर्थ व कथा
मणिकरण 1737 मीटर की ऊँचाई पर स्थित बहुत ही सुन्दर क्षेत्र है। यह हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध इलाकों में से गिना जाता है। मणिकरण का अर्थ है- "बहुमूल्य रत्न"। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव की पत्नी पार्वती ने अपना बहुमूल्य रत्न यहाँ के किसी जलाशय में खो दिया दिया। माँ पार्वती के निवेदन पर भगवान शिव ने अपने अनुयायीयों को रत्न खोजने के लिए कहा। लेकिन शिव के सेवक इस कार्य में सफल नहीं हो सके। तब भगवान शिव ने क्रोध में अपना तृतीय नेत्र खोला, जिसके कारण धरती में दरार पड़ गई और बहुमूल्य रत्नों और जवाहरातों का सृजन हुआ।
दर्शनीय स्थल
'गुरु नानक देवजी गुरुद्वारा' मणिकरण का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह धारणा है कि सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव अपने 5 चेलों के साथ इस स्थान पर आये थे। यहाँ गुरुद्वारे में बहता गर्म पानी लोगों के लिये एक मुख्य आकर्षण है। इसके अलावा यात्री 'शिव मंदिर' के भी दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर की यह विशेषता है कि वर्ष 1905 में आये तीव्र भूकंप से यह थोड़ा-सा झुक गया, लेकिन धराशायी नहीं हुआ। उस समय आने वाले भूकंप की रिक्टेयर स्केल पर तीव्रता आठ थी। यहाँ का 'राम मंदिर' भी प्रसिद्ध है। मणिकरण के अन्य दार्शनिक स्थल हैं-
- हरिंदर पहाड़ी
- पार्वती नदी
- शोजा
- मलन और किर्गंगा
विषेशता
यह उमामहेश्वर क्षेत्र है। पार्वती नदी के किनारे ही नहीं, धारा में भी कई स्थान से गरम पानी फुहारे की तरह ऊपर उठता है। जबकि पार्वती का जल हिमशीतल है। यहाँ खौलते पानी के स्रोत डेढ़ मील तक स्थान-स्थान पर मिलते हैं। ये पानी इतना गरम होता है कि लोग उसमें चावल-आलू पकाते हैं। नदी के तट पर गरम पानी के कुण्ड बने हैं। उनका पानी स्नान के लिए ठीक है[1]।
- कब जायें
मणिकरण के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध हैं। इसे देखने का सबसे अच्छा समय अप्रैल और जून के बीच का है।
- कैसे पहुँचें
पर्यटक मणिकरण रेल मार्ग, हवाई मार्ग या फिर सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से आ सकते हैं।
|
|
|
|
|
विथिका
मणिकरण
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दूओं के तीर्थ स्थान |लेखक: सुदर्शन सिंह 'चक्र' |पृष्ठ संख्या: 20 |
संबंधित लेख