राजुकोंडा: Difference between revisions

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*1335-1336 ई० में [[बहमनी राज्य]] की अवनति के पश्चात प्राचीन [[आंध्र प्रदेश]] नई स्वतंत्र रियासतों में बट गया था।  
'''राजुकोंडा''' [[आंध्र प्रदेश]] का ऐतिहासिक स्थान था। 1335-1336 ई. में [[बहमनी राज्य]] की अवनति के पश्चात् प्राचीन आंध्र प्रदेश नई स्वतंत्र रियासतों में बट गया था। इनमें से एक रियासत 'पद्वेलमा' लोगों ने स्थापित की थी, जिसकी राजधानी राजुकोंडा में थी। इसकी नीव रेचरला सिंगमनय ने डाली थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=784|url=}}</ref>
*इनमें से एक रियासत पद्वेलमा लोगों ने स्थापित की थी जिसकी राजधानी राजुकोंडा में थी।  
*इसकी नीव रेचरला सिंगमनय ने डाली थी।


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राजुकोंडा आंध्र प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान था। 1335-1336 ई. में बहमनी राज्य की अवनति के पश्चात् प्राचीन आंध्र प्रदेश नई स्वतंत्र रियासतों में बट गया था। इनमें से एक रियासत 'पद्वेलमा' लोगों ने स्थापित की थी, जिसकी राजधानी राजुकोंडा में थी। इसकी नीव रेचरला सिंगमनय ने डाली थी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 784 |

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