सिन्दूर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''सिन्दूर''' लाल रंग एक चमकीला सा चूर्ण होता है जिसे व...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "शृंगार" to "श्रृंगार")
 
(8 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
'''सिन्दूर''' [[लाल रंग]] एक चमकीला सा चूर्ण होता है जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपनी माँग में भरती हैं। प्राचीन [[हिंदू]] [[संस्कृति]] में भी सिन्दूर का काफी महत्व था। ऐसा माना जाता है कि यह प्रथा 5000 वर्ष पूर्व से ही प्रचलित है|  यह सुहागन का सबसे बड़ा एवं आकर्षक श्रृंगार माना जाता है। सिन्दूर लाल पाउडर की तरह होता है जिसे सुहागन अपने बालों के  बीच लगाती है। यह [[हिंदू धर्म]] में शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है। सिन्दूर के संबंध में  माना जाता है कि यह प्यार और ताकत का प्रतीक  है, जो सुहागन अपने पति के नाम से अपनी मांग में सजाती है और उनकी लंबी आयु की  कामना करती है।
[[चित्र:Sindur.jpg|thumb|सिन्दूर]]
'''सिन्दूर''' [[लाल रंग]] एक चमकीला सा चूर्ण होता है जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपनी माँग में भरती हैं। प्राचीन [[हिंदू]] [[संस्कृति]] में भी सिन्दूर का काफ़ी महत्व था। ऐसा माना जाता है कि यह प्रथा 5000 वर्ष पूर्व से ही प्रचलित है। यह सुहागन स्त्री का सबसे बड़ा एवं आकर्षक श्रृंगार माना जाता है। सिन्दूर लाल पाउडर की तरह होता है जिसे सुहागन अपने बालों के  बीच लगाती है। यह [[हिंदू धर्म]] में शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है। सिन्दूर के संबंध में  माना जाता है कि यह प्यार और ताकत का प्रतीक  है, जो सुहागन अपने पति के नाम से अपनी मांग में सजाती है और उनकी लंबी आयु की  कामना करती है।
<ref name="skks">{{cite web |url=http://sakshikikalamse.blogspot.in/2008/05/blog-post.html |title=सुहाग का प्रतीक- सिन्दूर |accessmonthday=20 नवम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=साक्षी की कलम से (ब्लॉग) |language=हिंदी }}</ref>
<ref name="skks">{{cite web |url=http://sakshikikalamse.blogspot.in/2008/05/blog-post.html |title=सुहाग का प्रतीक- सिन्दूर |accessmonthday=20 नवम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=साक्षी की कलम से (ब्लॉग) |language=हिंदी }}</ref>
==वैदिक  धारणा==
==वैदिक  धारणा==
कन्या के मांग में  पहले सिन्दूर उसके  शादी  के  दिन पति द्वारा सजाया जाता है जिसे हिंदू विवाह में सिंदूरदान कहा जाता है। सिन्दूर के संबंध में कुछ वैदिक  धारणा भी है कि इसे लगाने के बाद पति को अपनी पत्नी का रक्षक बनना होता है तथा  उसे हर सुख दुःख का साथी भी बनना  पड़ता है। [[भारत]] में ऐसी  कई फ़िल्में बनी है जिसमे सिन्दूर के महत्व को बताया गया है जिसमें एक है 'सिन्दूर तेर नाम' जो 1987 में  प्रदर्शित हुयी थी। <ref name="skks"/>
[[चित्र:Sindoor lady.jpg|left|सिंदूर लगाये हुए महिला|thumb]]
कन्या के मांग में  पहले सिन्दूर उसके  शादी  के  दिन पति द्वारा सजाया जाता है जिसे हिंदू विवाह में सिंदूरदान कहा जाता है। सिन्दूर के संबंध में कुछ वैदिक  धारणा भी है कि इसे लगाने के बाद पति को अपनी पत्नी का रक्षक बनना होता है तथा  उसे हर सुख दुःख का साथी भी बनना  पड़ता है। [[भारत]] में ऐसी  कई फ़िल्में बनी है जिसमे सिन्दूर के महत्व को बताया गया है जिसमें एक है 'सिन्दूर तेर नाम' जो 1987 में  प्रदर्शित हुई थी। <ref name="skks"/>
==महत्त्वता==
==महत्त्वता==
आधनिक युग में भी सिन्दूर का काफी महत्व है खासकर हिंदू धर्म में आज भी उतना ही, जितना पहले था। आज कल [[इस्लाम धर्म]] में भी सिन्दूर का प्रचलन हो गया है। सिन्दूर को ही कुमकुम के नाम से जाना जाता है जो [[हल्दी]], [[नीबू]] और हर्बल  उत्पाद का बना होता है। सिन्दूर के संबंध में पौराणिक मान्यता के अलावा कुछ वैज्ञानिक कारण भी है। इससे रक्त चाप तथा पीयूष  ग्रंथि भी नियंत्रित होती है। आजकल बाजार में जो कुमकुम उपलब्ध है वो जहरीले होते है क्योंकि वे लेड ऑक्साइड  के बने होते हैं। <ref name="skks"/>   
आधनिक युग में भी सिन्दूर का काफ़ी महत्व है ख़ासकर हिंदू धर्म में आज भी उतना ही, जितना पहले था। आज कल [[इस्लाम धर्म]] में भी सिन्दूर का प्रचलन हो गया है। सिन्दूर को ही कुमकुम के नाम से जाना जाता है जो [[हल्दी]], [[नीबू]] और हर्बल  उत्पाद का बना होता है। सिन्दूर के संबंध में पौराणिक मान्यता के अलावा कुछ वैज्ञानिक कारण भी है। इससे रक्त चाप तथा पीयूष  ग्रंथि भी नियंत्रित होती है। आजकल बाज़ार में जो कुमकुम उपलब्ध है वो जहरीले होते है क्योंकि वे लेड ऑक्साइड  के बने होते हैं। <ref name="skks"/>   


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 07:59, 7 November 2017

thumb|सिन्दूर सिन्दूर लाल रंग एक चमकीला सा चूर्ण होता है जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपनी माँग में भरती हैं। प्राचीन हिंदू संस्कृति में भी सिन्दूर का काफ़ी महत्व था। ऐसा माना जाता है कि यह प्रथा 5000 वर्ष पूर्व से ही प्रचलित है। यह सुहागन स्त्री का सबसे बड़ा एवं आकर्षक श्रृंगार माना जाता है। सिन्दूर लाल पाउडर की तरह होता है जिसे सुहागन अपने बालों के बीच लगाती है। यह हिंदू धर्म में शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है। सिन्दूर के संबंध में माना जाता है कि यह प्यार और ताकत का प्रतीक है, जो सुहागन अपने पति के नाम से अपनी मांग में सजाती है और उनकी लंबी आयु की कामना करती है। [1]

वैदिक धारणा

left|सिंदूर लगाये हुए महिला|thumb कन्या के मांग में पहले सिन्दूर उसके शादी के दिन पति द्वारा सजाया जाता है जिसे हिंदू विवाह में सिंदूरदान कहा जाता है। सिन्दूर के संबंध में कुछ वैदिक धारणा भी है कि इसे लगाने के बाद पति को अपनी पत्नी का रक्षक बनना होता है तथा उसे हर सुख दुःख का साथी भी बनना पड़ता है। भारत में ऐसी कई फ़िल्में बनी है जिसमे सिन्दूर के महत्व को बताया गया है जिसमें एक है 'सिन्दूर तेर नाम' जो 1987 में प्रदर्शित हुई थी। [1]

महत्त्वता

आधनिक युग में भी सिन्दूर का काफ़ी महत्व है ख़ासकर हिंदू धर्म में आज भी उतना ही, जितना पहले था। आज कल इस्लाम धर्म में भी सिन्दूर का प्रचलन हो गया है। सिन्दूर को ही कुमकुम के नाम से जाना जाता है जो हल्दी, नीबू और हर्बल उत्पाद का बना होता है। सिन्दूर के संबंध में पौराणिक मान्यता के अलावा कुछ वैज्ञानिक कारण भी है। इससे रक्त चाप तथा पीयूष ग्रंथि भी नियंत्रित होती है। आजकल बाज़ार में जो कुमकुम उपलब्ध है वो जहरीले होते है क्योंकि वे लेड ऑक्साइड के बने होते हैं। [1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 सुहाग का प्रतीक- सिन्दूर (हिंदी) साक्षी की कलम से (ब्लॉग)। अभिगमन तिथि: 20 नवम्बर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख