पहेली 24 नवम्बर 2015: Difference between revisions
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{'''सत्यजित राय के बिना सिनेमा | {'''सत्यजित राय के बिना सिनेमा जगत् वैसा ही है, जैसे सूरज-चाँद के बिना आसमान।''' यह कथन किसका है? | ||
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-[[ऋषिकेश मुखर्जी]] | -[[ऋषिकेश मुखर्जी]] | ||
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-[[अशोक कुमार]] | -[[अशोक कुमार]] | ||
-[[पृथ्वीराज कपूर]] | -[[पृथ्वीराज कपूर]] | ||
||[[चित्र:Satyajit-Ray.jpg| | ||[[चित्र:Satyajit-Ray.jpg|100px|right|सत्यजित राय]]'सत्यजित राय' बीसवीं [[शताब्दी]] की महानतम फ़िल्मी हस्तियों में से एक थे, जिन्होंने यथार्थवादी धारा की फ़िल्मों को नई दिशा देने के अलावा [[साहित्य]], [[चित्रकला]] जैसी अन्य विधाओं में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। [[सत्यजित राय]] प्रमुख रूप से फ़िल्मों में निर्देशक के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन लेखक और साहित्यकार के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय ख्याति अर्जित की। "विश्व सिनेमा के पितामह" माने जाने वाले महान् निर्देशक अकीरा कुरोसावा ने राय के लिए कहा था कि- "सत्यजित के बिना सिनेमा जगत् वैसा ही है जैसे सूरज-चाँद के बिना आसमान"। सत्यजित राय फ़िल्म निर्माण से संबंधित कई काम ख़ुद ही करते थे। इनमें निर्देशन, छायांकन, पटकथा, पार्श्व संगीत, कला निर्देशन, संपादन आदि शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सत्यजित राय]] | ||
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
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