जे ग़रीब पर हित करैं -रहीम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('<div class="bgrahimdv"> जे गरीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।<br /> कहा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (गोविन्द राम ने जे गरीब पर हित करैं -रहीम पृष्ठ जे ग़रीब पर हित करैं -रहीम पर स्थानांतरित किया)
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
<div class="bgrahimdv">
<div class="bgrahimdv">
जे गरीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।<br />
जे ग़रीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।<br />
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥
;अर्थ
;अर्थ
जो गरीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे [[सुदामा]] कहते हैं [[कृष्ण]] की दोस्ती भी एक साधना है।
जो ग़रीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे [[सुदामा]] कहते हैं [[कृष्ण]] की दोस्ती भी एक साधना है।


{{लेख क्रम3| पिछला=चाह गई चिंता मिटी -रहीम |मुख्य शीर्षक=रहीम के दोहे |अगला=जो रहीम गति दीप की -रहीम }}
{{लेख क्रम3| पिछला=चाह गई चिंता मिटी -रहीम |मुख्य शीर्षक=रहीम के दोहे |अगला=जो रहीम गति दीप की -रहीम }}

Latest revision as of 11:05, 21 April 2018

जे ग़रीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥

अर्थ

जो ग़रीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे सुदामा कहते हैं कृष्ण की दोस्ती भी एक साधना है।


left|50px|link=चाह गई चिंता मिटी -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=जो रहीम गति दीप की -रहीम|आगे जाएँ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख