शेख़ अब्दुल्ला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
#REDIRECT [[शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला]]
'''शेख़ अब्दुल्ला''' (जन्म- [[1874]] [[पुंछ ज़िला|पुंछ ज़िला]], [[कश्मीर]]; मृत्यु- [[1965]]) [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म भूषण]] से सम्मानित एवं मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित व्यक्ति थे।
==परिचय==
[[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म भूषण]] से सम्मानित और मुस्लिम महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए प्रयत्नशील शेख अब्दुल्ला का जन्म [[1874]] ई. में [[कश्मीर]] के [[पुंछ ज़िला|पुंछ जिले]] के एक गांव में हुआ था। इनका बचपन का नाम ठाकुरदास था। ठाकुरदास [[अंग्रेजी]] पढ़ने के लिए [[जम्मू]] और फिर [[लाहौर]] पहुंचे। शेख़ अब्दुल्ला के पिता का नाम मुखसिंह मेहता था। शेख़ ने [[1891]] ई. में [[इस्लाम धर्म]] अपना लिया और उच्च शिक्षा के लिए [[अलीगढ़]] चले गये। वहां उनके ऊपर [[सर सय्यद अहमद खान]] का बहुत प्रभाव पड़ा। शिक्षा पूरी करने के बाद शेख अब्दुल्ला ने अलीगढ़ में वकालत शुरू की। [[खिलाफत आंदोलन]] के प्रति भी उनकी सहानुभूति थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=855|url=}}</ref>
==मुस्लिम-महिला उत्थान==
शेख़ अब्दुल्ला ने समाज के कठमुल्लाओं के विरोध के बावजूद भी मुस्लिम महिलाओं की दशा को सुधारने के लिए कई काम किये। इसके लिए [[1904]] में उन्होंने 'खातून' नामक एक पत्र का प्रकाशन आरंभ किया। [[1906]] में [[अलीगढ़]] में लड़कियों के लिए एक स्कूल की स्थापना की इस कार्य में उनकी पत्नी वाहिदजहां ने भी उनका पूरा साथ दिया। समय आने पर यही स्कूल, मुस्लिम यूनिवर्सिटी के महिला कॉलेज के रूप में विकसित हुआ। मुस्लिम महिलाओं के लिए वे उच्च शिक्षा की व्यवस्था करने में सफल हो कर रहे।
==सम्मान==
शेख़ अब्दुल्ला द्वारा समाज हित में किये गये अच्छे कार्यों के लिये [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[1964]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया। [[अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी]] ने शेख अब्दुल्ला को [[1950]] में डॉक्टरेट की उपाधि दी। वह कुछ समय तक [[उत्तर प्रदेश]] की [[विधान परिषद]] के सदस्य भी रहे।
==मृत्यु==
[[पद्म भूषण]] से सम्मानित डॉक्टर शेख अब्दुल्ला का [[1965]] में इंतकाल हो गया।
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
{{पद्म भूषण}}
[[Category:अधिवक्ता]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]]
__INDEX__
__NOTOC__

Latest revision as of 08:51, 31 July 2018

शेख़ अब्दुल्ला (जन्म- 1874 पुंछ ज़िला, कश्मीर; मृत्यु- 1965) भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित एवं मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित व्यक्ति थे।

परिचय

भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित और मुस्लिम महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए प्रयत्नशील शेख अब्दुल्ला का जन्म 1874 ई. में कश्मीर के पुंछ जिले के एक गांव में हुआ था। इनका बचपन का नाम ठाकुरदास था। ठाकुरदास अंग्रेजी पढ़ने के लिए जम्मू और फिर लाहौर पहुंचे। शेख़ अब्दुल्ला के पिता का नाम मुखसिंह मेहता था। शेख़ ने 1891 ई. में इस्लाम धर्म अपना लिया और उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ चले गये। वहां उनके ऊपर सर सय्यद अहमद खान का बहुत प्रभाव पड़ा। शिक्षा पूरी करने के बाद शेख अब्दुल्ला ने अलीगढ़ में वकालत शुरू की। खिलाफत आंदोलन के प्रति भी उनकी सहानुभूति थी।[1]

मुस्लिम-महिला उत्थान

शेख़ अब्दुल्ला ने समाज के कठमुल्लाओं के विरोध के बावजूद भी मुस्लिम महिलाओं की दशा को सुधारने के लिए कई काम किये। इसके लिए 1904 में उन्होंने 'खातून' नामक एक पत्र का प्रकाशन आरंभ किया। 1906 में अलीगढ़ में लड़कियों के लिए एक स्कूल की स्थापना की इस कार्य में उनकी पत्नी वाहिदजहां ने भी उनका पूरा साथ दिया। समय आने पर यही स्कूल, मुस्लिम यूनिवर्सिटी के महिला कॉलेज के रूप में विकसित हुआ। मुस्लिम महिलाओं के लिए वे उच्च शिक्षा की व्यवस्था करने में सफल हो कर रहे।

सम्मान

शेख़ अब्दुल्ला द्वारा समाज हित में किये गये अच्छे कार्यों के लिये भारत सरकार ने उन्हें 1964 में पद्म भूषण से सम्मानित किया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी ने शेख अब्दुल्ला को 1950 में डॉक्टरेट की उपाधि दी। वह कुछ समय तक उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के सदस्य भी रहे।

मृत्यु

पद्म भूषण से सम्मानित डॉक्टर शेख अब्दुल्ला का 1965 में इंतकाल हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 855 |

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख