फास्टैग: Difference between revisions

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जब भी आप फास्टैग लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो फास्टैग अकाउंट से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा। एसएमएस के जरिए आपके फास्टैग अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।
जब भी आप फास्टैग लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो फास्टैग अकाउंट से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा। एसएमएस के जरिए आपके फास्टैग अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।
==रिचार्ज==
==रिचार्ज==
आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस और नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं। फास्टैग खाते में कम से कम 100 रुपए और ज्यादा से ज्यादा एक लाख तक रिचार्ज कराया जा सकता है। आप किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के अंदर आनेवाले टोल प्लाजा और एजेंसी में जाकर अपना फास्टैग स्टीकर और फास्टैग अकाउंट खुलवा सकते हैं। राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट में जाकर आप अपने आसपास के प्वाइंट ऑफ सेल की जगह का पता कर सकते है।
आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस और नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं। फास्टैग खाते में कम से कम 100 रुपए और ज्यादा से ज्यादा एक लाख तक रिचार्ज कराया जा सकता है।[[चित्र:FASTag-3.jpg|thumb|300px|फास्टैग]] आप किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के अंदर आनेवाले टोल प्लाजा और एजेंसी में जाकर अपना फास्टैग स्टीकर और फास्टैग अकाउंट खुलवा सकते हैं। राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट में जाकर आप अपने आसपास के प्वाइंट ऑफ सेल की जगह का पता कर सकते है।<br />
 
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वहीं अभी पीओएस के अंदर आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ही आते हैं। आने वाले समय में इसके अंदर आईडीएफसी बैंक और [[भारतीय स्टेट बैंक]] भी जल्द शामिल कर लिए जाएंगे। वहीं आप एसबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, [[पंजाब नेशनल बैंक]], सिंडिकेट बैंक, पेटीएम, करूर व्यास बैंक, एचडीएफसी बैंक के जरिए आप फास्टैग अकांउट को रिचार्ज कर सकते हैं। फास्टैग अकांउट खोलने के वक्त आपको दिए गए एक फॉम के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों को भी जमा करवाने की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि इस प्रकार हैं<ref name="pp"/>-
वहीं अभी पीओएस के अंदर आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ही आते हैं। आने वाले समय में इसके अंदर आईडीएफसी बैंक और [[भारतीय स्टेट बैंक]] भी जल्द शामिल कर लिए जाएंगे। वहीं आप एसबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, [[पंजाब नेशनल बैंक]], सिंडिकेट बैंक, पेटीएम, करूर व्यास बैंक, एचडीएफसी बैंक के जरिए आप फास्टैग अकांउट को रिचार्ज कर सकते हैं। फास्टैग अकांउट खोलने के वक्त आपको दिए गए एक फॉम के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों को भी जमा करवाने की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि इस प्रकार हैं<ref name="pp"/>-
#वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी)
#वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी)
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==भारत में शुरुआत==
==भारत में शुरुआत==
[[भारत]] में फास्टैग सिस्टम सबसे पहले [[अहमदाबाद]] और [[मुंबई]] हाईवे के बीच [[2014]] में शुरू किया गया था। [[जुलाई 2015]] में इसे [[चेन्नई]]-[[बेंगलुरु]] टोल प्लाजा पर शुरू किया गया था। अभी तक देश के 332 टोल प्लाजाओं पर इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है। यानी इन टोल प्लाजाओं में फास्टैग के जरिए टोल टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। साल [[2019]] से [[1 दिसंबर]] के बाद से बिकने वाले सभी प्रकार के चार-पहियां वाहनों पर फास्टैग लगाना अति आवश्यक हो है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी गाड़ी निर्माताओं कंपनी और वाहन डीलरों को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि 1 दिसंबर से उनसे खरीदे जाने वाले वाहनों पर उसके मालिक द्वारा फास्टैग जरूर लगवाया जाए।
[[भारत]] में फास्टैग सिस्टम सबसे पहले [[अहमदाबाद]] और [[मुंबई]] हाईवे के बीच [[2014]] में शुरू किया गया था। [[जुलाई 2015]] में इसे [[चेन्नई]]-[[बेंगलुरु]] टोल प्लाजा पर शुरू किया गया था। अभी तक देश के 332 टोल प्लाजाओं पर इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है। यानी इन टोल प्लाजाओं में फास्टैग के जरिए टोल टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। साल [[2019]] से [[1 दिसंबर]] के बाद से बिकने वाले सभी प्रकार के चार-पहियां वाहनों पर फास्टैग लगाना अति आवश्यक हो है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी गाड़ी निर्माताओं कंपनी और वाहन डीलरों को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि 1 दिसंबर से उनसे खरीदे जाने वाले वाहनों पर उसके मालिक द्वारा फास्टैग जरूर लगवाया जाए।
==अनिवार्यता==
[[15 फ़रवरी]] रात 12 बजे से पूरे देशभर में सभी गाड़ियों पर फास्टैग अनिवार्य हो गया है। चाहें आप शहर में ही घूमते हों या आने-जाने के लिए हाइवे का इस्तेमाल करते हों, तब भी आपको अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगाना जरूरी है। वहीं लोग अब ये समझने की भूल भी न करें कि पहले की तरह की फास्टैग लागू होने की अंतिम तिथि बढ़ जाएगी, क्योंकि सरकार ने अब इसे सख्ती से लागू करने का मन बना लिया है और अब कोई ढिलाई नहीं दी जायेगी। अगर गलती से भी अब अपनी गाड़ी बिना फास्टैग के टोल प्लाजा पर लगाई तो आपसे दोगुने टोल की वसूली की जायेगी।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/automobiles/auto-news/fastag-news-today-fastag-is-mandatory-for-local-villagers-and-residents-those-are-staying-near-the-inter-city-toll-plaza?pageId=7 |title=लोकल हैं तो भी अपने ही शहर में गाड़ी पर लगाना होगा फास्टैग|accessmonthday=16 फ़रवरी|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref>
==कैश लेन की समाप्ति==
अब टोल-नाकों पर गुजरने वाली सभी गाड़ियों पर फास्टैग लगा होना अनिवार्य है। जिसके बाद इन टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए कैशलेस भुगतान किया जाएगा। इससे टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारें नहीं लगेंगी, साथ ही जाम से भी छुटकारा मिलेगा। सरकार टोल प्लाजा पर अभी तक मिलने वाली डैडीकेटेड कैश लेन की सुविधा खत्म कर देगी और सभी लेन से फास्टैग के जरिए ही वाहन बिना रुकावट निकल सकेंगे।
==लोकल को छूट नहीं==
वहीं अगर आप हाइवे के आसपास के गांवों या किस ऐसे शहर में रहते हैं जहां टोल प्लाजा से हो कर गुजरना पड़ता है, तब भी आपके लिए गाड़ी पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। अभी तक ऐसी जगहों पर रहने वाले [[आधार कार्ड]] दिखा कर टोल प्लाजा पार कर लिया करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा। एनएचएआई की गाइडलाइन में स्थानीय वाहन स्वामियों को किसी प्रकार की छूट का प्रावधान नहीं दिया गया है। नियमों को उल्लंघन करने पर ऐसे वाहन चालकों से दोगुना टोल टैक्स वसूला जाएगा।<ref name="pp"/>
==मासिक रिचार्ज==
अभी तक टोल प्लाजा के कर्मचारी किसी विवाद से बचने के लिए आईडी कार्ड या आधार कार्ड देखकर ऐसे नागरिकों को बिना टोल चुकाए जाने की छूट दे दिया करते थे। लेकिन अब सरकार सख्ती बरत रही है। टोल प्लाजा के 20 कि.मी. के दायरे में आने वाले लोगों को वाहनों पर फास्टैग लगाना होगा। इसके लिए सरकार ने मासिक शुल्क का प्रावधान रखा है। ऐसे लोगों को 275 रुपये मासिक का फास्टैग हर माह रिचार्ज करना होगा। वाहन की आरसी और आधार कार्ड दिखाकर हाथों-हाथ 275 रुपये के मासिक चार्ज वाला फास्टैग बनाया जा रहा है।
एनएचएआई की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक लोगों को फास्टैग वहीं से रिचार्ज कराना होगा, जहां से इन्हें खरीदा गया है। यानि कि अगर आपने फास्टैग एक्सिस बैंक से लिया है तो रिचार्ज भी वहीं से होगा। अगर किसी दूसरे बैंक से फास्टैग रिचार्ज करते हैं तो उस पर 2.5 फीसदी का लोडिंग चार्ज देना होगा, यानी 1000 रुपये पर 25 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। यूपीआई या गूगल पे से भी आप संबंधित बैंक को शामिल करके, फास्टैग रिचार्ज कर सकते हैं। '''अगर आपको किसी बैंक की सुविधा पसंद नहीं आ रही है तो आम मोबाइल नंबर की तरह इसे भी पोर्ट किया जा सकता है। इसके लिए आपको अपना फास्टैग उस एजेंसी या बैंक को वापस करना होगा। जिसके बाद आप पोर्ट सुविधा का फायदा उठा सकते हैं। यहां तक आपके फास्टैग का बैलेंस भी ट्रांसफर हो सकेगा। एक बार फास्टैग लेने के बाद 3 महीने पश्चात ही पोर्ट सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।'''
==सरकारी गाड़ियों को भी जरूरी==
सरकार ने क्षेत्र के विधायकों के लिए एवं सांसद की दो गाड़ियों के लिए जीरो बैलेंस वाला फास्टैग एनएचएआई की तरफ से जारी किया है। वहीं जीरो बैलेंस वाला फास्टैग बनवाने के लिए सरकारी विभागों को एनएचएआई की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। वहीं 15 तारीख के बाद किसी भी हंगामे से निपटने के लिए सरकार ने टोल नाकों पर अतिरिक्त पुलिस और मार्शल्स की व्यवस्था की है। इसके अलावा टोल पर वाहन चालकों को जागरूक भी किया जा रहा है कि बिना फास्टैग के बैरियर नहीं खुलेगा।<ref name="pp"/>
====सेना-पुलिस का आई कार्ड मान्य नहीं====
इसके अलावा अभी तक टोल प्लाजा पर सेना या पुलिस के अधिकारी अगर निजी वाहन से टोल प्लाजा से निकलते थे तो आई कार्ड दिखा कर उन्हें भुगतान में छूट मिल जाया करती थी। एनएचएआई की ओर से शेड्यूल-जी के तहत टोल संचालक कंपनी को गाइडलाइन भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर सेना के जवान ड्यूटी पर हैं और सरकारी वाहन में सफर कर रहे हैं, तो उनसे टैक्स नहीं वसूला जाएगा, लेकिन उन्हें अपना वाहन पर फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा। एनएचएआई का कहना है कि बहुत सी जगह पर फर्जी आईकार्ड मिलने पर यह गाइडलाइन जारी की गई है।
==थर्ड पार्टी बीमा नहीं==
सरकार ये भी व्यवस्था कर रही है कि अगर आपकी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगा है तो उन्हें थर्ड पार्टी बीमा कवर नहीं मिलेगा। सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, [[अप्रॅल 2021]] से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।


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Latest revision as of 05:59, 16 February 2021

thumb|300px|फास्टैग फास्टैग (अंग्रेज़ी: FASTag) इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है। फास्टटैग रिचार्ज होने वाला प्रीपेड टैग है, जो अपनी गाड़ी के विंडशील्ड पर अंदर की तरफ से लगाना पड़ता है। 1 दिसंबर, 2019 से राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले सभी चार पहिया वाहनों पर फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

क्या है फास्टैग

टोल प्लाजाओं पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होने वाली परेशानियों का हल निकालने के लिए राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ, इंडिया द्वारा भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में सबसे पहले साल 2014 में शुरू की गई थी। जिसे धीरे-धीरे पूरे देश के टोल प्लाजाओं पर लागू किया जा रहा है। फास्टैग सिस्टम की मदद से आपको टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के दौरान होने वाली परेशानियों से निजात मिल सकेगी। फास्टैग की मदद से आप टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल प्लाजा टैक्स दें सकेंगे। आपको बस अपने वाहन पर फास्टैग लगाना होगा। आप ये टैग किसी आधिकारिक टैग जारीकर्ता या सहभागिता बैंक से खरीद सकते हैं।[1]

कैसे करता है कार्य

thumb|left|250px|फास्टैग वाहन के विंडस्क्रीन में फास्टैग लगाया जाता है और इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) लगा होता है। जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आ जाती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आते ही, आपके फास्टैक अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क काट देता है और आप बिना वहां रूके अपना प्लाजा टैक्स का भुगतान कर देते हैं। वाहन में लगा ये टैग, आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना कार्य शुरू कर देगा। वहीं जब आपके फास्टैग अकांउट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा। फास्टैग की वैधता 5 वर्ष तक की होगी यानि पांच वर्ष के बाद आपको नया फास्टैग अपनी गाड़ी पर लगवाना होगा।

लाभ

thumb|300px|फास्टैग सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के कारण लगने वाली गाड़ियों की लम्बी लाइन और खुले पैसे होने की समस्या को हल करने के लिए फास्टैग सिस्टम को देश के कई टोल प्लाजाओं पर शुरू किया है। फास्टैग की मदद से आपका समय बचने के साथ-साथ आपके पेट्रोल या डीजल की भी बचत होगी। इतना ही नहीं साल 2016-2017 के बीच इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को सभी टोल भुगतानों पर 10% का कैशबैक भी मिला। वहीं 2017-2018 के बीच 7।5 %, कैश बैक 2018-2019 के बीच 5% कैश बैक और 2019-2020 तक 2।5% कैश बैक मिला। अभी तक फास्टैग केवल भारत के चुनिंदा शहरों के टोल प्लाजा पर ही लागू था। मगर इसके सफल होने के बाद सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा इसे जल्द ही देश के हर टोल प्लाजा पर शुरू करने की कोशिश की जा रही है।[1]

एसएमएस की सुविधा

जब भी आप फास्टैग लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो फास्टैग अकाउंट से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा। एसएमएस के जरिए आपके फास्टैग अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।

रिचार्ज

आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस और नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं। फास्टैग खाते में कम से कम 100 रुपए और ज्यादा से ज्यादा एक लाख तक रिचार्ज कराया जा सकता है।thumb|300px|फास्टैग आप किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के अंदर आनेवाले टोल प्लाजा और एजेंसी में जाकर अपना फास्टैग स्टीकर और फास्टैग अकाउंट खुलवा सकते हैं। राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट में जाकर आप अपने आसपास के प्वाइंट ऑफ सेल की जगह का पता कर सकते है।

वहीं अभी पीओएस के अंदर आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ही आते हैं। आने वाले समय में इसके अंदर आईडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी जल्द शामिल कर लिए जाएंगे। वहीं आप एसबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, पेटीएम, करूर व्यास बैंक, एचडीएफसी बैंक के जरिए आप फास्टैग अकांउट को रिचार्ज कर सकते हैं। फास्टैग अकांउट खोलने के वक्त आपको दिए गए एक फॉम के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों को भी जमा करवाने की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि इस प्रकार हैं[1]-

  1. वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी)
  2. वाहन मालिक की पासपोर्ट तस्वीर
  3. वाहन मालिक के केवाईसी दस्तावेज और कोई भी दस्तावेज जिस पर घर का पता हो।

भारत में शुरुआत

भारत में फास्टैग सिस्टम सबसे पहले अहमदाबाद और मुंबई हाईवे के बीच 2014 में शुरू किया गया था। जुलाई 2015 में इसे चेन्नई-बेंगलुरु टोल प्लाजा पर शुरू किया गया था। अभी तक देश के 332 टोल प्लाजाओं पर इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है। यानी इन टोल प्लाजाओं में फास्टैग के जरिए टोल टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। साल 2019 से 1 दिसंबर के बाद से बिकने वाले सभी प्रकार के चार-पहियां वाहनों पर फास्टैग लगाना अति आवश्यक हो है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी गाड़ी निर्माताओं कंपनी और वाहन डीलरों को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि 1 दिसंबर से उनसे खरीदे जाने वाले वाहनों पर उसके मालिक द्वारा फास्टैग जरूर लगवाया जाए।

अनिवार्यता

15 फ़रवरी रात 12 बजे से पूरे देशभर में सभी गाड़ियों पर फास्टैग अनिवार्य हो गया है। चाहें आप शहर में ही घूमते हों या आने-जाने के लिए हाइवे का इस्तेमाल करते हों, तब भी आपको अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगाना जरूरी है। वहीं लोग अब ये समझने की भूल भी न करें कि पहले की तरह की फास्टैग लागू होने की अंतिम तिथि बढ़ जाएगी, क्योंकि सरकार ने अब इसे सख्ती से लागू करने का मन बना लिया है और अब कोई ढिलाई नहीं दी जायेगी। अगर गलती से भी अब अपनी गाड़ी बिना फास्टैग के टोल प्लाजा पर लगाई तो आपसे दोगुने टोल की वसूली की जायेगी।[1]

कैश लेन की समाप्ति

अब टोल-नाकों पर गुजरने वाली सभी गाड़ियों पर फास्टैग लगा होना अनिवार्य है। जिसके बाद इन टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए कैशलेस भुगतान किया जाएगा। इससे टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारें नहीं लगेंगी, साथ ही जाम से भी छुटकारा मिलेगा। सरकार टोल प्लाजा पर अभी तक मिलने वाली डैडीकेटेड कैश लेन की सुविधा खत्म कर देगी और सभी लेन से फास्टैग के जरिए ही वाहन बिना रुकावट निकल सकेंगे।

लोकल को छूट नहीं

वहीं अगर आप हाइवे के आसपास के गांवों या किस ऐसे शहर में रहते हैं जहां टोल प्लाजा से हो कर गुजरना पड़ता है, तब भी आपके लिए गाड़ी पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। अभी तक ऐसी जगहों पर रहने वाले आधार कार्ड दिखा कर टोल प्लाजा पार कर लिया करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा। एनएचएआई की गाइडलाइन में स्थानीय वाहन स्वामियों को किसी प्रकार की छूट का प्रावधान नहीं दिया गया है। नियमों को उल्लंघन करने पर ऐसे वाहन चालकों से दोगुना टोल टैक्स वसूला जाएगा।[1]

मासिक रिचार्ज

अभी तक टोल प्लाजा के कर्मचारी किसी विवाद से बचने के लिए आईडी कार्ड या आधार कार्ड देखकर ऐसे नागरिकों को बिना टोल चुकाए जाने की छूट दे दिया करते थे। लेकिन अब सरकार सख्ती बरत रही है। टोल प्लाजा के 20 कि.मी. के दायरे में आने वाले लोगों को वाहनों पर फास्टैग लगाना होगा। इसके लिए सरकार ने मासिक शुल्क का प्रावधान रखा है। ऐसे लोगों को 275 रुपये मासिक का फास्टैग हर माह रिचार्ज करना होगा। वाहन की आरसी और आधार कार्ड दिखाकर हाथों-हाथ 275 रुपये के मासिक चार्ज वाला फास्टैग बनाया जा रहा है।

एनएचएआई की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक लोगों को फास्टैग वहीं से रिचार्ज कराना होगा, जहां से इन्हें खरीदा गया है। यानि कि अगर आपने फास्टैग एक्सिस बैंक से लिया है तो रिचार्ज भी वहीं से होगा। अगर किसी दूसरे बैंक से फास्टैग रिचार्ज करते हैं तो उस पर 2.5 फीसदी का लोडिंग चार्ज देना होगा, यानी 1000 रुपये पर 25 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। यूपीआई या गूगल पे से भी आप संबंधित बैंक को शामिल करके, फास्टैग रिचार्ज कर सकते हैं। अगर आपको किसी बैंक की सुविधा पसंद नहीं आ रही है तो आम मोबाइल नंबर की तरह इसे भी पोर्ट किया जा सकता है। इसके लिए आपको अपना फास्टैग उस एजेंसी या बैंक को वापस करना होगा। जिसके बाद आप पोर्ट सुविधा का फायदा उठा सकते हैं। यहां तक आपके फास्टैग का बैलेंस भी ट्रांसफर हो सकेगा। एक बार फास्टैग लेने के बाद 3 महीने पश्चात ही पोर्ट सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

सरकारी गाड़ियों को भी जरूरी

सरकार ने क्षेत्र के विधायकों के लिए एवं सांसद की दो गाड़ियों के लिए जीरो बैलेंस वाला फास्टैग एनएचएआई की तरफ से जारी किया है। वहीं जीरो बैलेंस वाला फास्टैग बनवाने के लिए सरकारी विभागों को एनएचएआई की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। वहीं 15 तारीख के बाद किसी भी हंगामे से निपटने के लिए सरकार ने टोल नाकों पर अतिरिक्त पुलिस और मार्शल्स की व्यवस्था की है। इसके अलावा टोल पर वाहन चालकों को जागरूक भी किया जा रहा है कि बिना फास्टैग के बैरियर नहीं खुलेगा।[1]

सेना-पुलिस का आई कार्ड मान्य नहीं

इसके अलावा अभी तक टोल प्लाजा पर सेना या पुलिस के अधिकारी अगर निजी वाहन से टोल प्लाजा से निकलते थे तो आई कार्ड दिखा कर उन्हें भुगतान में छूट मिल जाया करती थी। एनएचएआई की ओर से शेड्यूल-जी के तहत टोल संचालक कंपनी को गाइडलाइन भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर सेना के जवान ड्यूटी पर हैं और सरकारी वाहन में सफर कर रहे हैं, तो उनसे टैक्स नहीं वसूला जाएगा, लेकिन उन्हें अपना वाहन पर फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा। एनएचएआई का कहना है कि बहुत सी जगह पर फर्जी आईकार्ड मिलने पर यह गाइडलाइन जारी की गई है।

थर्ड पार्टी बीमा नहीं

सरकार ये भी व्यवस्था कर रही है कि अगर आपकी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगा है तो उन्हें थर्ड पार्टी बीमा कवर नहीं मिलेगा। सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, अप्रॅल 2021 से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 फास्टैग क्या है और ये कैसे काम करता है (हिंदी) deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 07 नवंबर, 2020। Cite error: Invalid <ref> tag; name "pp" defined multiple times with different content

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