बंकिम मुखर्जी: Difference between revisions

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'''बंकिम मुखर्जी''' भारत में विधायक निर्वाचित होने वाले पहले कम्युनिस्ट नेता थे। बंकिम मुखर्जी का जन्म [[मई]], [[1897]] ई. में [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]] के निकट बेलूर में हुआ था। शिक्षा पूरी करने के बाद वे अपने मित्र और [[इटावा]] ([[उत्तर प्रदेश]]) में अध्यापक राधारमन मित्रा के पास आ गए। जब [[1921]] में [[असहयोग आन्दोलन]] छिड़ा तो उसमें सम्मिलित होने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया। उत्तर प्रदेश में उनका संपर्क [[पंडित मोतीलाल नेहरू]] से हुआ और उनकी प्रतिभा देखकर नेहरू जी ने उन्हें स्वराज्य पार्टी का गठन करने के लिए [[कोलकाता]] भेज दिया।
'''बंकिम मुखर्जी''' (जन्म- [[मई]], [[1897]]; मृत्यु- [[15 नवम्बर]], [[1961]]) [[भारत]] में विधायक निर्वाचित होने वाले पहले कम्युनिस्ट नेता थे। इनसे प्रभावित होकर [[मोतीलाल नेहरू]] ने इन्हें '[[स्वराज्य पार्टी]]' के गठन के लिए [[कोलकाता]] (भूतपूर्व कलकत्ता) भेजा था। पार्टी की ओर से बंकिम मुखर्जी को 'बंगाल लेजिस्लेटिव कौंसिल' का सदस्य भी चुना गया था।


बंकिम मुखर्जी ने [[1928]]-[[1929|29]] और [[1930]] में भी जेल की सजाएँ भोगीं। उन्होंने यहाँ [[श्रमिक आन्दोलन]] में अधिक रुचि लेना शुरू किया और [[अखिल भारतीय किसान सभा]] की स्थापना की। [[1936]] में वे कम्युनिस्ट पार्टी में सम्मिलित हो गए और पार्टी के उम्मीदवार के रूप में बंगाल लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य चुने गए। [[1952]] और [[1957]] में उनको बंगाल असेम्बली का सदस्य चुना गया। बंकिम मुखर्जी का [[15 नवम्बर]], [[1961]] को निधन हो गया।
*बंकिम मुखर्जी का जन्म [[मई]], [[1897]] ई. में [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]] के निकट 'बेलूर' में हुआ था।
*अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बंकिम मुखर्जी अपने एक मित्र और [[इटावा]] ([[उत्तर प्रदेश]]) में अध्यापक [[राधारमण मित्र]] के पास आ गए थे।
*जब वर्ष [[1921]] में '[[असहयोग आन्दोलन]]' छिड़ा तो उसमें सम्मिलित होने के कारण बंकिम मुखर्जी को जेल में डाल दिया गया।
*उत्तर प्रदेश में उनका संपर्क [[पंडित मोतीलाल नेहरू]] से हुआ और उनकी प्रतिभा देखकर नेहरू जी ने उन्हें '[[स्वराज्य पार्टी]]' का गठन करने के लिए [[कोलकाता]] भेज दिया।
*बंकिम मुखर्जी ने [[1928]]-[[1929|29]] और [[1930]] में भी जेल की सजाएँ भोगीं। उन्होंने यहाँ [[श्रमिक आन्दोलन]] में अधिक रुचि लेना शुरू किया और '[[अखिल भारतीय किसान सभा]]' की स्थापना की।
*[[1936]] में बंकिम मुखर्जी 'कम्युनिस्ट पार्टी' में सम्मिलित हो गए और पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 'बंगाल लेजिस्लेटिव कौंसिल' के सदस्य चुने गए।
*वर्ष [[1952]] और [[1957]] में उनको 'बंगाल असेम्बली' का सदस्य चुना गया।
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thumb|250px|बंकिम मुखर्जी बंकिम मुखर्जी (जन्म- मई, 1897; मृत्यु- 15 नवम्बर, 1961) भारत में विधायक निर्वाचित होने वाले पहले कम्युनिस्ट नेता थे। इनसे प्रभावित होकर मोतीलाल नेहरू ने इन्हें 'स्वराज्य पार्टी' के गठन के लिए कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) भेजा था। पार्टी की ओर से बंकिम मुखर्जी को 'बंगाल लेजिस्लेटिव कौंसिल' का सदस्य भी चुना गया था।

  • बंकिम मुखर्जी का जन्म मई, 1897 ई. में हावड़ा के निकट 'बेलूर' में हुआ था।
  • अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बंकिम मुखर्जी अपने एक मित्र और इटावा (उत्तर प्रदेश) में अध्यापक राधारमण मित्र के पास आ गए थे।
  • जब वर्ष 1921 में 'असहयोग आन्दोलन' छिड़ा तो उसमें सम्मिलित होने के कारण बंकिम मुखर्जी को जेल में डाल दिया गया।
  • उत्तर प्रदेश में उनका संपर्क पंडित मोतीलाल नेहरू से हुआ और उनकी प्रतिभा देखकर नेहरू जी ने उन्हें 'स्वराज्य पार्टी' का गठन करने के लिए कोलकाता भेज दिया।
  • बंकिम मुखर्जी ने 1928-29 और 1930 में भी जेल की सजाएँ भोगीं। उन्होंने यहाँ श्रमिक आन्दोलन में अधिक रुचि लेना शुरू किया और 'अखिल भारतीय किसान सभा' की स्थापना की।
  • 1936 में बंकिम मुखर्जी 'कम्युनिस्ट पार्टी' में सम्मिलित हो गए और पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 'बंगाल लेजिस्लेटिव कौंसिल' के सदस्य चुने गए।
  • वर्ष 1952 और 1957 में उनको 'बंगाल असेम्बली' का सदस्य चुना गया।
  • बंकिम मुखर्जी का निधन 15 नवम्बर, 1961 को हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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