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         '''[[पीपल]]''' [[भारत]], [[नेपाल]], [[श्रीलंका]] और [[चीन]] में पाया जाने वाला [[बरगद]] की जाति का एक विशालकाय वृक्ष है। [[भारतीय संस्कृति]] में पीपल की अनेक पर्वों पर पूजा की जाती है। पीपल के वृक्ष का विस्तार, फैलाव तथा ऊंचाई व्यापक और विशाल होती है। [[गीता|भगवद्गीता]] में भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] [[अर्जुन]] से कहते हैं- "अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम्" (अर्थात् समस्त वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूं) कहकर पीपल को अपना स्वरूप बताया है। [[अथर्ववेद]] में पीपल के पेड़ को देवताओं का निवास बताया गया है– "अश्वत्थो देव सदन:" पीपल का वृ़क्ष [[आधुनिक भारत]] में भी देवरूप में पूजा जाता है [[पीपल|... और पढ़ें]]</poem>
         '''[[पीपल]]''' [[भारत]], [[नेपाल]], [[श्रीलंका]] और [[चीन]] में पाया जाने वाला [[बरगद]] की जाति का एक विशालकाय वृक्ष है। [[भारतीय संस्कृति]] में पीपल की अनेक पर्वों पर पूजा की जाती है। पीपल के वृक्ष का विस्तार, फैलाव तथा ऊंचाई व्यापक और विशाल होती है। [[गीता|भगवद्गीता]] में भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने [[अर्जुन]] से कहा है कि- "अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम्" (अर्थात् समस्त वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूँ) कहकर पीपल को अपना स्वरूप बताया है। [[अथर्ववेद]] में पीपल के पेड़ को देवताओं का निवास बताया गया है– "अश्वत्थो देव सदन:" पीपल का वृ़क्ष [[आधुनिक भारत]] में भी देवरूप में पूजा जाता है [[पीपल|... और पढ़ें]]</poem>
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एक वृक्ष

        पीपल भारत, नेपाल, श्रीलंका और चीन में पाया जाने वाला बरगद की जाति का एक विशालकाय वृक्ष है। भारतीय संस्कृति में पीपल की अनेक पर्वों पर पूजा की जाती है। पीपल के वृक्ष का विस्तार, फैलाव तथा ऊंचाई व्यापक और विशाल होती है। भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि- "अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम्" (अर्थात् समस्त वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूँ) कहकर पीपल को अपना स्वरूप बताया है। अथर्ववेद में पीपल के पेड़ को देवताओं का निवास बताया गया है– "अश्वत्थो देव सदन:" पीपल का वृ़क्ष आधुनिक भारत में भी देवरूप में पूजा जाता है ... और पढ़ें