अकाल आयोग: Difference between revisions
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*इसमें भी प्रथम आयोग के सिद्धान्तों का ही समर्थन किया और यह सिफ़ारिश की कि सहायता कार्य वाले क्षेत्र के लिए सहायता आयुक्त नियुक्त किया जाए तथा दूरस्थ क्षेत्रों में केन्द्र की ओर से काम की व्यवस्था करने की अपेक्षा सार्वजनिक हित के स्थानीय कार्यों में | *इसमें भी प्रथम आयोग के सिद्धान्तों का ही समर्थन किया और यह सिफ़ारिश की कि सहायता कार्य वाले क्षेत्र के लिए सहायता आयुक्त नियुक्त किया जाए तथा दूरस्थ क्षेत्रों में केन्द्र की ओर से काम की व्यवस्था करने की अपेक्षा सार्वजनिक हित के स्थानीय कार्यों में अकाल पीड़ितों को लगाकर वस्तु वितरण किया जाए। | ||
*यह भी सिफ़ारिश की गई कि | *यह भी सिफ़ारिश की गई कि अकाल सहायता कार्य में ग़ैर सरकारी संस्थाओं का अधिकाधिक सहयोग लिया जाए, कृषि बैंक खोले जाएँ, खेती के विकसित तरीक़े अपनाये जाएँ और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाए। | ||
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Latest revision as of 07:42, 30 August 2011
- अकाल आयोग 1880 ई. में वायसराय लॉर्ड लिटन के द्वारा सर रिचर्ड स्ट्रैची की अध्यक्षता में स्थापित हुआ।
- इसी आयोग की सिफ़ारिश पर 'अकाल संहिता' की रचना की गई।
- 1897 ई. में वायसराय लॉर्ड एलगिन ने सर जेम्स लायल की अध्यक्षता में पुन: एक अकाल आयोग की स्थापना की।
- द्वितीय आयोग ने प्रथम आयोग द्वारा निर्धारित सिद्धान्तों का समर्थन किया और अकाल सहायता योजना के विस्तृत कार्यान्वयन में परिवर्तन कर दिया।
- 1900 ई. में वायसराय लॉर्ड कर्ज़न ने सर ऐण्टोनी मैकडानल की अध्यक्षता में तृतीय अकाल आयोग की स्थापना की।
- इसमें भी प्रथम आयोग के सिद्धान्तों का ही समर्थन किया और यह सिफ़ारिश की कि सहायता कार्य वाले क्षेत्र के लिए सहायता आयुक्त नियुक्त किया जाए तथा दूरस्थ क्षेत्रों में केन्द्र की ओर से काम की व्यवस्था करने की अपेक्षा सार्वजनिक हित के स्थानीय कार्यों में अकाल पीड़ितों को लगाकर वस्तु वितरण किया जाए।
- यह भी सिफ़ारिश की गई कि अकाल सहायता कार्य में ग़ैर सरकारी संस्थाओं का अधिकाधिक सहयोग लिया जाए, कृषि बैंक खोले जाएँ, खेती के विकसित तरीक़े अपनाये जाएँ और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
- इन सिफ़ारिशों को स्वीकार किया गया और सरकार ने उन पर अमल भी किया।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ