कृष्णानगर: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " मे " to " में ") |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''कृष्णानगर''' जिसे 'कृष्णनगर' भी कहा जाता है, [[नदिया|नदिया ज़िले]] का प्रशासनिक मुख्यालय है, जो [[पश्चिम बंगाल]], पूर्वोत्तर [[भारत]], जालांगी नदी के दक्षिण में स्थित है। यह शहर सड़क व रेल जंक्शन और ज़िले का प्रमुख [[कृषि]] वितरण केंद्र है। | |||
{{tocright}} | {{tocright}} | ||
==इतिहास== | |||
वर्ष [[1864]] में इस शहर में नगरपालिका का गठन हुआ था। शहर में नदिया के महाराजा का महल और ईसाइयों का धर्म केंद्र स्थित है। इस नगर के समीप ही [[भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध [[प्लासी]] नामक स्थान है, जहाँ [[23 जून]], 1757 में [[बंगाल]] के नवाब [[सिराजुद्दौला]] तथा [[रॉबर्ट क्लाइव]] के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सेना के बीच निर्णायक '[[प्लासी का युद्ध]]' हुआ था, जिसमें [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की जीत हुई थी। | |||
====स्थिति==== | |||
हर साल इस स्थान पर एक बड़ा मेला लगता है। कृष्णनगर 23 24 पूर्वी देशांतर तथा 88 31 उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। [[पश्चिम बंगाल]] के नदिया ज़िले का यह मुख्य नगर है, जो [[हुगली नदी|हुगली]] की सहायक जलाँगो नदी के बाएँ किनारे पर बसा है। | |||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
चीनी मिलें यहाँ का प्रमुख उद्योग है और यहाँ का एक उपनगर | चीनी मिलें यहाँ का प्रमुख उद्योग है और यहाँ का एक उपनगर गुर्नी, [[मिट्टी]] की रंगीन मूर्तियाँ बनाने के लिए विख्यात है। इसके साथ ही अच्छी किस्म की चटाइयों के लिए भी कृष्णनगर प्रसिद्ध है। जूट की मिलें भी काफ़ी हैं। [[मुर्शिदाबाद]] को [[कलकत्ता]] से मिलाने वाला रेलमार्ग इस नगर से होकर जाता है, जिसके कारण यह नगर व्यापार एवं उद्योग का केंद्र बन गया है। | ||
==प्रशिक्षण केंद्र== | ==प्रशिक्षण केंद्र== | ||
यहाँ पर एक अस्पताल बागवानी शोध केंद्र, जूट नर्सरी व कृषि प्रशिक्षण केंद्र और कई महाविद्यालय है। | यहाँ पर एक अस्पताल बागवानी शोध केंद्र, जूट नर्सरी व कृषि प्रशिक्षण केंद्र और कई महाविद्यालय है। | ||
Line 8: | Line 12: | ||
2001 की जनगणना के अनुसार कृष्णानगर की कुल जनसंख्या 1,39,070 है। | 2001 की जनगणना के अनुसार कृष्णानगर की कुल जनसंख्या 1,39,070 है। | ||
{{ | |||
{{लेख प्रगति | {{seealso|प्लासी का युद्ध|सिराजुद्दौला|रॉबर्ट क्लाइव}} | ||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | ||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Latest revision as of 13:36, 9 April 2014
कृष्णानगर जिसे 'कृष्णनगर' भी कहा जाता है, नदिया ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है, जो पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, जालांगी नदी के दक्षिण में स्थित है। यह शहर सड़क व रेल जंक्शन और ज़िले का प्रमुख कृषि वितरण केंद्र है।
इतिहास
वर्ष 1864 में इस शहर में नगरपालिका का गठन हुआ था। शहर में नदिया के महाराजा का महल और ईसाइयों का धर्म केंद्र स्थित है। इस नगर के समीप ही भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध प्लासी नामक स्थान है, जहाँ 23 जून, 1757 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला तथा रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सेना के बीच निर्णायक 'प्लासी का युद्ध' हुआ था, जिसमें अंग्रेज़ों की जीत हुई थी।
स्थिति
हर साल इस स्थान पर एक बड़ा मेला लगता है। कृष्णनगर 23 24 पूर्वी देशांतर तथा 88 31 उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले का यह मुख्य नगर है, जो हुगली की सहायक जलाँगो नदी के बाएँ किनारे पर बसा है।
उद्योग और व्यापार
चीनी मिलें यहाँ का प्रमुख उद्योग है और यहाँ का एक उपनगर गुर्नी, मिट्टी की रंगीन मूर्तियाँ बनाने के लिए विख्यात है। इसके साथ ही अच्छी किस्म की चटाइयों के लिए भी कृष्णनगर प्रसिद्ध है। जूट की मिलें भी काफ़ी हैं। मुर्शिदाबाद को कलकत्ता से मिलाने वाला रेलमार्ग इस नगर से होकर जाता है, जिसके कारण यह नगर व्यापार एवं उद्योग का केंद्र बन गया है।
प्रशिक्षण केंद्र
यहाँ पर एक अस्पताल बागवानी शोध केंद्र, जूट नर्सरी व कृषि प्रशिक्षण केंद्र और कई महाविद्यालय है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार कृष्णानगर की कुल जनसंख्या 1,39,070 है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|