अगाध: Difference between revisions
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Latest revision as of 08:43, 4 August 2023
हिन्दी | अथाह, बहुत अधिक, असीम, अपार, जैसे- अगाध ज्ञान, जिसे समझ पाना असम्मभव या बहुत कठिन हो, दुर्बोध, बहुत गहरा |
-व्याकरण | धातु, विशेषण |
-उदाहरण | सागर में अगाध जल है। |
-विशेष | भक्तमहिमा श्रवण करिता। त्रयमुर्ति त्रिगुणात्मका। तुझीया लीला अगाध असता। वर्णु कशी मी सांग बा? [1][2] |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | अगाध्य, अगम्य, अतल, अथाह, अनवगाह्य, अपार्य, गहरा, डुबाऊ, तलहीन, थाहहीन, निस्तल, बहुत गहरा, बेअंत, बेहाथ |
संस्कृत | [अ+गाध (थाह लेना) +घञ्] अगाध (विशेषण) [नञ् बहुव्रीहि समास], अथाह, बहुत गहरा, अतल-[3], गंभीर (आलंकारिक), सविवेक, बहुत गहरा- [4], अथाह, अबोध्य |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
अगाध (विशेषण) [गाध+घञ्, - न. ब.]
- अथाह, बहुत गहरा, अतल-अगाध-सलिलात्समुद्रात्-हिं. 1/52; (आलं.) गंभीर, सविवेक, बहुत गहरा- °सत्त्व- रघुवंश 6/21;-यस्य ज्ञानं दयासिंधोरगाधस्यानघा गुणाः-अमर.; अथाह, अबोध्य; -धः-धं गहरा छेद या दरार; स्वाहाकार की पांच अग्नियों में से एक। सम.-जलः गहरा तालाब, गहरी झील।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ॥ 13 ॥॥ अध्याय 26 वा॥
- ↑ श्रीरामगुरु चरित्र (संस्कृत)। । अभिगमन तिथि: 18 जुलाई, 2010।
- ↑ अगाध-सलिलात्समुद्रात्-हितोपदेश 1/52
- ↑ सत्त्व-रघुवंश 6/21-यस्य ज्ञानं दयासिंधोरगाध्स्यानघा गुणाः-अमरकोश
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