छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-8: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
*[[छान्दोग्य उपनिषद]] के [[छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2|अध्याय दूसरा]] का यह आठवाँ खण्ड है।
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
{{main|छान्दोग्य उपनिषद}}
|चित्र=Chandogya-Upanishad.jpg
*इस खण्ड में सप्तविध साम की उपासना का वर्णन है।
|चित्र का नाम=छान्दोग्य उपनिषद का आवरण पृष्ठ
*वाणी में 'हुं' हिंकार है, शब्द 'प्र' प्रस्ताव है, 'आ' आदि रूप है, 'उत्' उद्गीथ है, 'प्रति' प्रतिहार है, 'उप' उपद्रव-रूप है और 'नि' निधन का रूप है।  
|विवरण='छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस [[उपनिषद|उपनिषदों]] में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार [[छन्द]] है।
*इस प्रकार जो साधक उपासना से वाणी के सारतत्त्व को प्राप्त कर लेता है, उसे अन्न और अन्न को पचाने की सामर्थ्य प्राप्त होती है।
|शीर्षक 1=अध्याय
|पाठ 1=द्वितीय
|शीर्षक 2=कुल खण्ड
|पाठ 2=24 (चौबीस)
|शीर्षक 3=सम्बंधित वेद
|पाठ 3=[[सामवेद]]
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|शीर्षक 6=
|पाठ 6=
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=[[उपनिषद]], [[वेद]], [[वेदांग]], [[वैदिक काल]], [[संस्कृत साहित्य]]
|अन्य जानकारी= [[सामवेद]] की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
[[छान्दोग्य उपनिषद]] के [[छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2|अध्याय दूसरे]] का यह आठवाँ खण्ड है।


{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
*इस खण्ड में सप्तविध साम की उपासना का वर्णन है।
{{संदर्भ ग्रंथ}}
*वाणी में 'हुं' हिंकार है, शब्द 'प्र' प्रस्ताव है, 'आ' आदि रूप है, 'उत्' उद्गीथ है, 'प्रति' प्रतिहार है, 'उप' उपद्रव-रूप है और 'नि' निधन का रूप है। इस प्रकार जो साधक उपासना से वाणी के सारतत्त्व को प्राप्त कर लेता है, उसे अन्न और अन्न को पचाने की सामर्थ्य प्राप्त होती है।
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
[[Category:छान्दोग्य उपनिषद]]
{{छान्दोग्य उपनिषद}}
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:छान्दोग्य उपनिषद]][[Category:दर्शन कोश]][[Category:उपनिषद]][[Category:संस्कृत साहित्य]]
[[Category:उपनिषद]]  
 
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 14:00, 13 August 2016

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-8
विवरण 'छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार छन्द है।
अध्याय द्वितीय
कुल खण्ड 24 (चौबीस)
सम्बंधित वेद सामवेद
संबंधित लेख उपनिषद, वेद, वेदांग, वैदिक काल, संस्कृत साहित्य
अन्य जानकारी सामवेद की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं।

छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरे का यह आठवाँ खण्ड है।

  • इस खण्ड में सप्तविध साम की उपासना का वर्णन है।
  • वाणी में 'हुं' हिंकार है, शब्द 'प्र' प्रस्ताव है, 'आ' आदि रूप है, 'उत्' उद्गीथ है, 'प्रति' प्रतिहार है, 'उप' उपद्रव-रूप है और 'नि' निधन का रूप है। इस प्रकार जो साधक उपासना से वाणी के सारतत्त्व को प्राप्त कर लेता है, उसे अन्न और अन्न को पचाने की सामर्थ्य प्राप्त होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 | खण्ड-14 | खण्ड-15 | खण्ड-16 | खण्ड-17 | खण्ड-18 | खण्ड-19 | खण्ड-20 | खण्ड-21 | खण्ड-22 | खण्ड-23 | खण्ड-24

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3

खण्ड-1 से 5 | खण्ड-6 से 10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 से 19

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-4

खण्ड-1 से 3 | खण्ड-4 से 9 | खण्ड-10 से 17

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-5

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 से 10 | खण्ड-11 से 24

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6

खण्ड-1 से 2 | खण्ड-3 से 4 | खण्ड-5 से 6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 से 13 | खण्ड-14 से 16

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7

खण्ड-1 से 15 | खण्ड-16 से 26

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8

खण्ड-1 से 6 | खण्ड-7 से 15