छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-11: Difference between revisions

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Latest revision as of 12:57, 16 August 2016

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-11
विवरण 'छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार छन्द है।
अध्याय द्वितीय
कुल खण्ड 24 (चौबीस)
सम्बंधित वेद सामवेद
संबंधित लेख उपनिषद, वेद, वेदांग, वैदिक काल, संस्कृत साहित्य
अन्य जानकारी सामवेद की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं।

छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरे का यह ग्यारहवाँ खण्ड है।

  • इस खण्ड में 'गायत्र' सम्बन्धी विशिष्ट उपासना का वर्णन है।
  • जो साधक गायत्र-साम को प्राणों में अधिष्ठित हुआ जानता है, वह प्राणवान होता है और पूर्ण आयु को भोगता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2

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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3

खण्ड-1 से 5 | खण्ड-6 से 10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 से 19

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-4

खण्ड-1 से 3 | खण्ड-4 से 9 | खण्ड-10 से 17

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-5

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 से 10 | खण्ड-11 से 24

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6

खण्ड-1 से 2 | खण्ड-3 से 4 | खण्ड-5 से 6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 से 13 | खण्ड-14 से 16

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7

खण्ड-1 से 15 | खण्ड-16 से 26

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8

खण्ड-1 से 6 | खण्ड-7 से 15