निशा निमंत्रण -हरिवंशराय बच्चन: Difference between revisions

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*सभी गीतों का स्वतंत्र अस्तित्व होते हुए भी रचना का गठन एक मूल भाव से अनुशासित है।
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*प्रथम गीत ‘दिन जल्दी जल्दी ढलता है’ से प्रारम्भ होकर ‘निशा निमंत्रण’ रात्रि की निस्तब्धता के बड़े सघन चित्र प्रस्तुत करता हुआ प्रात: कालीन प्रकाश में समाप्त होता है।
*प्रथम गीत ‘दिन जल्दी जल्दी ढलता है’ से प्रारम्भ होकर ‘निशा निमंत्रण’ रात्रि की निस्तब्धता के बड़े सघन चित्र प्रस्तुत करता हुआ प्रात: कालीन प्रकाश में समाप्त होता है।
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Latest revision as of 09:45, 15 June 2015

निशा निमंत्रण -हरिवंशराय बच्चन
लेखक हरिवंश राय बच्चन
मूल शीर्षक निशा निमंत्रण
प्रकाशक सुषमा निकुंज
प्रकाशन तिथि 1938
देश भारत
भाषा हिन्दी
शैली पद्य
विषय कविता
सम्बंधित लेख हरिवंश राय बच्चन, मधुशाला, निशा निमंत्रण
टिप्पणी सभी गीतों का स्वतंत्र अस्तित्व होते हुए भी इस रचना का गठन एक मूल भाव से अनुशासित है।

निशा निमंत्रण हरिवंश राय बच्चन के गीतों का संकलन है, जो सन 1938 ई. में प्रकाशित हुआ था। 13-13 पंक्तियों के ये गीत हिन्दी साहित्य की श्रेष्ठतम उपलब्धियों में से हैं।

  • शैली और गठन की दृष्टि से ये गीत अतुलनीय हैं। नितांत एकाकीपन की स्थिति में लिखी गई ये त्रयोदश पदियाँ अनुभूति की दृष्टि से वैसी ही सघन हैं, जैसी भाषा-शिल्प की दृष्टि से परिष्कृत।
  • सभी गीतों का स्वतंत्र अस्तित्व होते हुए भी रचना का गठन एक मूल भाव से अनुशासित है।
  • प्रथम गीत ‘दिन जल्दी जल्दी ढलता है’ से प्रारम्भ होकर ‘निशा निमंत्रण’ रात्रि की निस्तब्धता के बड़े सघन चित्र प्रस्तुत करता हुआ प्रात: कालीन प्रकाश में समाप्त होता है।
  • सभी दृष्टियों से ‘निशा निमंत्रण’ में बच्चन का कवि अपने चरम उत्कर्ष पर पहुँच गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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