सौभूत: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन नगर}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "Category:पाणिनिकालीन नगर" to "Category:पाणिनिकालीन नगर Category:पाणिनिकालीन भारत") |
||
Line 11: | Line 11: | ||
{{पाणिनिकालीन नगर}} | {{पाणिनिकालीन नगर}} | ||
[[Category:पाणिनिकालीन नगर]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:पाणिनिकालीन नगर]] | ||
[[Category:पाणिनिकालीन भारत]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 08:31, 6 May 2018
सौभूत पाणिनिकालीन भारतवर्ष का एक स्थान था, जिसकी पहचान यूनानी भूगोल लेखकों के सोफाइटीज से की जाती है।
- यह स्थान कुत्तों की खूंखार नस्ल के लिए प्रसिद्ध था। इससे इसका केकय देश में खिउड़ा के पास होना सूचित होता है, जहां इस प्रकार के महाकाय और महादंष्ट्र कुत्ते होते थे।[1] पाणिनि के समय में भी कुत्तों की यह नस्ल पाई जाती थी।
- वाल्मीकि ने उसे केकयराज के अंत:पुर में संवर्धित कहा है। संभवत इसी कारण कुत्ते के लिए कौलेयक शब्द लोक में प्रचलित हुआ, जिसका पाणिनि ने उल्लेख किया है।[2][3]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वाल्मीकि रामायण 70।20
- ↑ कौलेयक: श्वा, 4।2।96
- ↑ पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 87 |