मोहम्मद इक़बाल: Difference between revisions

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'''मोहम्मद इक़बाल''' ([[1876]]-[[1938]] ई.), एक आधुनिक भारतीय प्रसिद्ध मुसलमान कवि थे।  
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====रचना की भाषा====
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इनकी रचनाएँ मुख्य रूप से फ़ारसी में हैं और [[अंग्रेज़ी]] में केवल एक पुस्तक है, जिसका शीर्षक है '''सिक्स लेक्चर्स ऑन दि रिकन्सट्रक्शन ऑफ़ रिलीजस थॉट (धार्मिक चिन्तन की नवव्याख्या के सम्बन्ध में छह व्याख्यान)''' भी है।
इनकी रचनाएँ मुख्य रूप से [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में हैं और [[अंग्रेज़ी]] में केवल एक पुस्तक है, जिसका शीर्षक है '''सिक्स लेक्चर्स ऑन दि रिकन्सट्रक्शन ऑफ़ रिलीजस थॉट (धार्मिक चिन्तन की नवव्याख्या के सम्बन्ध में छह व्याख्यान)''' भी है।
====इस्लामी मत====
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उनका मत था कि [[इस्लाम]] रूहानी आज़ादी की जद्दोजहद के जज़्बे का अलमबरदार है और सभी प्रकार के धार्मिक अनुभवों का निचोड़ है। वह कर्मवीरता का एक जीवन्त सिद्धान्त है, जो जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाता है। [[यूरोप]] धन और सत्ता के लिए पाग़ल है। इस्लाम ही एकमात्र धर्म है, जो सच्चे जीवन मूल्यों का निर्माण कर सकता है और अनवरत संघर्ष के द्वारा प्रकृति के ऊपर मनुष्य को विजयी बना सकता है।
उनका मत था कि [[इस्लाम]] रूहानी आज़ादी की जद्दोजहद के जज़्बे का अलमबरदार है और सभी प्रकार के धार्मिक अनुभवों का निचोड़ है। वह कर्मवीरता का एक जीवन्त सिद्धान्त है, जो जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाता है। [[यूरोप]] धन और सत्ता के लिए पाग़ल है। इस्लाम ही एकमात्र धर्म है, जो सच्चे जीवन मूल्यों का निर्माण कर सकता है और अनवरत संघर्ष के द्वारा प्रकृति के ऊपर मनुष्य को विजयी बना सकता है।

Revision as of 15:12, 23 January 2011

मोहम्मद इक़बाल (1876-1938 ई.), एक आधुनिक भारतीय प्रसिद्ध मुसलमान कवि थे।

रचना की भाषा

इनकी रचनाएँ मुख्य रूप से फ़ारसी में हैं और अंग्रेज़ी में केवल एक पुस्तक है, जिसका शीर्षक है सिक्स लेक्चर्स ऑन दि रिकन्सट्रक्शन ऑफ़ रिलीजस थॉट (धार्मिक चिन्तन की नवव्याख्या के सम्बन्ध में छह व्याख्यान) भी है।

इस्लामी मत

उनका मत था कि इस्लाम रूहानी आज़ादी की जद्दोजहद के जज़्बे का अलमबरदार है और सभी प्रकार के धार्मिक अनुभवों का निचोड़ है। वह कर्मवीरता का एक जीवन्त सिद्धान्त है, जो जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाता है। यूरोप धन और सत्ता के लिए पाग़ल है। इस्लाम ही एकमात्र धर्म है, जो सच्चे जीवन मूल्यों का निर्माण कर सकता है और अनवरत संघर्ष के द्वारा प्रकृति के ऊपर मनुष्य को विजयी बना सकता है।

पाकिस्तान का जन्म

उनकी रचनाओं ने भारत के मुसलमान युवकों में यह भावना भर दी कि उनकी एक पृथक भूमिका है। इक़बाल ने ही सबसे पहले 1930 ई. में भारत के सिन्ध के भीतर उत्तर-पश्चिम सीमाप्रान्त, बलूचिस्तान, सिन्ध तथा कश्मीर को मिलाकर एक नया मुस्लिम राज्य बनाने का विचार रखा, जिसने पाकिस्तान को जन्म दिया। पाकिस्तान शब्द इक़बाल का गढ़ा हुआ नहीं है। इसे 1933 ई. में चौधरी रहमत अली ने गढ़ा था।

सर की उपाधि

इक़बाल की काव्य प्रतिभा से प्रभावित होकर ब्रिटिश सरकार ने इन्हें सर की उपाधि प्रदान की।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ