आजीवक: Difference between revisions

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Revision as of 18:34, 8 March 2011

  • आजीवक सम्प्रदाय की स्थापना गोशाला ने की थी, जो गौतम बुद्ध का समकालीन था।
  • उनके विचार 'सामंज फल सुत्त' तथा 'भगवतीसूत्र' में मिलते हैं।
  • आजीवक पुरुषार्थ में विश्वास नहीं करते थे।
  • वे नियति को मनुष्य की सभी अवस्थाओं के लिए उत्तरदायी ठहराते थे।
  • उनके नियतिवाद में पुरुष के बल या वीर्य (पराक्रम) का कोई स्थान नहीं था।
  • वे पाप या पुण्य का कोई हेतु या कारण नहीं मानते थे।
  • आजीवकों का सम्प्रदाय कभी इतना विशाल नहीं हुआ कि राजनीति पर उसका कोई प्रभाव पड़ता, हालाँकि अशोक के काल में उनका समुदाय महत्वपूर्ण माना जाता था।
  • अशोक के पोते ने गया के निकट बराबर पहाड़ियों में निर्मित तीन ग़ुफ़ा मन्दिर आजीवकों को दान कर दिये थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ