तवांग: Difference between revisions

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*तवांग [[हिमालय]] की तराई में समुद्र तल से 3500 मी. की ऊंचाई पर स्थित है।  
*तवांग [[हिमालय]] की तराई में समुद्र तल से 3500 मी. की ऊंचाई पर स्थित है।  
*तवांग का मुख्य काम-धंधा [[कृषि]] और पशु-पालन है। यह प्राकृतिक रूप से बहुत ख़ूबसूरत है।  
*तवांग का मुख्य काम-धंधा [[कृषि]] और पशु-पालन है। यह प्राकृतिक रूप से बहुत ख़ूबसूरत है।  
*'''छुपे हुए स्वर्ग के नाम से यह पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है।''' तवांग बहुत ख़ूबसूरत है।  
*'''छुपे हुए स्वर्ग के नाम से यह पर्यटकों में काफ़ी लोकप्रिय है।''' तवांग बहुत ख़ूबसूरत है।  
*पर्यटक यहाँ पर ख़ूबसूरत चोटियाँ, छोटे-छोटे गाँव, शानदार गोनपा, शांत झील और इसके अलावा बहुत कुछ देख सकते हैं।  
*पर्यटक यहाँ पर ख़ूबसूरत चोटियाँ, छोटे-छोटे गाँव, शानदार गोनपा, शांत झील और इसके अलावा बहुत कुछ देख सकते हैं।  
*इन सबके अलावा यहाँ पर [[इतिहास]], [[धर्म]] और पौराणिक कथाओं का सम्मिश्रण भी देखा जा सकता है।  
*इन सबके अलावा यहाँ पर [[इतिहास]], [[धर्म]] और पौराणिक कथाओं का सम्मिश्रण भी देखा जा सकता है।  

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[[चित्र:Tawang-Monestary-Arunachal-Pradesh-5.jpg|thumb|250px|तवांग मठ, अरुणाचल प्रदेश
Tawang Monastery, Arunachal Pradesh]]

  • तवांग अरुणाचल प्रदेश की उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। तवांग की उत्तर-पूर्व दिशा में तिब्बत, दक्षिण-पश्चिम में भूटान और दक्षिण-पूर्व में पश्चिम कमेंग स्थित है।
  • तवांग हिमालय की तराई में समुद्र तल से 3500 मी. की ऊंचाई पर स्थित है।
  • तवांग का मुख्य काम-धंधा कृषि और पशु-पालन है। यह प्राकृतिक रूप से बहुत ख़ूबसूरत है।
  • छुपे हुए स्वर्ग के नाम से यह पर्यटकों में काफ़ी लोकप्रिय है। तवांग बहुत ख़ूबसूरत है।
  • पर्यटक यहाँ पर ख़ूबसूरत चोटियाँ, छोटे-छोटे गाँव, शानदार गोनपा, शांत झील और इसके अलावा बहुत कुछ देख सकते हैं।
  • इन सबके अलावा यहाँ पर इतिहास, धर्म और पौराणिक कथाओं का सम्मिश्रण भी देखा जा सकता है।
  • तवांग का नामकरण 17वीं शताब्दी में मिराक लामा ने किया था। यहाँ पर मोनपा जाति के आदिवासी रहते हैं। यह जाति मंगोलों से संबंधित है। यह पत्थर और बांस के बने घरों में रहते हैं।
  • प्राकृतिक ख़ूबसूरती के अलावा पर्यटक यहाँ पर अनेक बौद्ध मठ भी देख सकते हैं। यह मठ बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर एशिया का सबसे बडा मठ तवांग मठ भी है। अपने बौद्ध मठों के लिए यह पूरे विश्व में पहचाना जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पांचाल, ऋतुराज। त्वांग (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 27 मई, 2011

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख