जम्मू और कश्मीर के उद्योग: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} thumb|250px|कश्मीरी शॉल<br />Kashmiri Shawl ह...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 15: Line 15:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत के उद्योग}}
[[Category:जम्मू और कश्मीर]]
[[Category:जम्मू और कश्मीर]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:उद्योग और कल कारख़ाने]]
[[Category:भारत के व्यापारिक क्षेत्र और नगर]]
[[Category:वाणिज्य व्यापार कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 10:16, 6 June 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

thumb|250px|कश्मीरी शॉल
Kashmiri Shawl
हस्‍त‍शिल्‍प जम्मू और कश्मीर का परपंरागत उद्योग है। हाथ से बनी वस्‍तुओं की व्‍यापक रोजगार क्षमता और विशेषज्ञता को देखते हुए राज्‍य सरकार ह‍स्‍तशिल्‍प को उच्‍च प्राथमिकता दे रही है। कश्मीर के प्रमुख हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादों में काग़ज़ की लुगदी से बनी वस्‍तुएं, लकड़ी पर नक़्क़ाशी, कालीन, शॉल और कशीदाकारी का सामान आदि शामिल हैं। हस्‍तशिल्‍प उद्योग से काफ़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित होती है। हस्‍तशिल्‍प उद्योग में 3.40 लाख कामगार लगे हुए हैं। उद्योगों की संख्‍या बढ़ी है। करथोली, जम्मू में 19 करोड़ रुपये का निर्यात प्रोत्‍साहन औद्योगिक पार्क बनाया गया है। ऐसा ही एक पार्क ओमपोरा, बडगाम में बनाया जा रहा है। जम्मू में शहरी हाट हैं जबकि इसी तरह के हाट श्रीनगर में बनाए जा रहे है। राग्रेथ, श्रीनगर में 6.50 करोड़ रुपये की लागत से सॉफ्टेवयर टेक्‍नोलॉजी पार्क शुरू किया गया है।

भूमि सुधार किए गए हैं। अन्न का उत्पादन बढ़ा है और 1947 के बाद मुख्य निर्यात वस्तुओं, लकड़ी, फल और सूखे मेवे व दस्तकारी के उत्पादन की मात्रा बहुत बढ़ी है। धातु के बर्तन, परिशुद्धता के उपकरण, खेल का सामान (मुख्यतः क्रिकेट के बल्ले), फ़र्नीचर, कशीदाकारी, माचिस, राल और तारपीन इस राज्य के प्रमुख औद्योगिक उत्पाद हैं।

श्रीनगर में कई कृषि मंडियाँ, फुटकर विक्रय केन्द्र और इनसे जुड़े हुए उद्योग भी अब ग्रामीण कारीगरी से आगे बढ़े हैं और अब इसमें स्थानीय रेशम, कपास और ऊन की हस्तकरघों पर बुनाई, ग़लीचे बुनना, लकड़ी पर नक़्क़ाशी और चमड़े का काम शामिल हैं। चाँदी और ताँबे के काम और आभूषण—निर्माण सहित इन सभी उद्योगों को राज दरबार की उपस्थिति के कारण पहले बढ़ावा मिला था और अब मुख्यतः पर्यटन व्यापार से मिलता है। साथ ही, पश्चिम हिमालयी व्यापार में श्रीनगर द्वारा अर्जित महत्त्वपूर्ण स्थिति के कारण भी इन उद्योगों को प्रोत्साहन मिला है। गत समय में यह शहर एक तरफ़ पंजाब क्षेत्र के उत्पादनों और दूसरी तरफ़ कराकोरम के पूर्वी पठारी क्षेत्र, पामीर और लद्दाख श्रेणियों के बीच पुनर्निर्यात केन्द्र की भूमिका निभाता था। अभी भी पश्चिमोत्तर की ओर गिलगित तक राज दियंगन दर्रे से होकर और पूर्वोत्तर की तरफ़ ज़ोजि दर्रे से होकर लेह तक व आगे भी मार्ग उपलब्ध है। हस्तकला उत्पाद भी लद्दाख में महत्त्वपूर्ण हैं। विशेषकर कश्मीरी शालें, ग़लीचे और कम्बल।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख