मग: Difference between revisions

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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Revision as of 07:28, 27 July 2012

  • मग विष्णु पुराण[1] के अनुसार शाकद्वीपी ब्राह्मणों का उपनाम था।
  • पूर्वकाल में सीथिया या ईरान के पुरोहित 'मगी' कहलाते थे।
  • भविष्य पुराण के ब्राह्मपर्व में कथित है कि कृष्ण के पुत्र साम्ब, जो कुष्ठरोग से ग्रस्त थे, सूर्य की उपासना से स्वस्थ हुए थे।
  • कृतज्ञता प्रकट करने के लिए उन्होंने मुल्तान में एक सूर्य मन्दिर बनवाया।
  • नारद के परामर्श से उन्होंने शकद्वीप की यात्रा की तथा वहाँ से सूर्यमन्दिर में पूजा करने के लिए वे मग पुरोहित ले आये। तदनन्तर यह नियम बनाया गया कि सूर्यप्रतिमा की स्थापना एवं पूजा मग पुरोहितों द्वारा ही होनी चाहिए।
  • इस प्रकार प्रकट है कि मग शाकद्वीपों और सूर्योपासक ब्राह्मण थे।
  • उन्हीं के द्वारा भारत में सूर्यदेव की मूर्तिपूजा का प्रचार बढ़ा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भाग 2.4, 69-70