आनन्दपुर साहिब: Difference between revisions

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*[[पंजाब]] में स्थित आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना [[सिक्ख|सिक्खों]] के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु]] ने 1664 ई.में की थी।  
*[[पंजाब]] में स्थित आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना [[सिक्ख|सिक्खों]] के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु]] ने 1664 ई.में की थी।  
*शिवालिक पहाड़ियों की गोद में [[सतलुज नदी]] के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।  
*आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
*[[शिवालिक की पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] की गोद में [[सतलुज नदी]] के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।  
*आनन्दपुर साहिब में [[वैशाखी]] के दिन 1699 ई.में सिक्ख पंथ की स्थापना हुई थी।  
*आनन्दपुर साहिब में [[वैशाखी]] के दिन 1699 ई.में सिक्ख पंथ की स्थापना हुई थी।  
 
*सिखों के दसवें [[गुरु गोविंद सिंह]] ने [[औरंगजेब]] की [[हिंदू]] विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।
 
 


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  • पंजाब में स्थित आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना सिक्खों के नवें गुरु तेगबहादुर सिंह गुरु ने 1664 ई.में की थी।
  • आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
  • शिवालिक पहाड़ियों की गोद में सतलुज नदी के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।
  • आनन्दपुर साहिब में वैशाखी के दिन 1699 ई.में सिक्ख पंथ की स्थापना हुई थी।
  • सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब की हिंदू विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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