छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1 खण्ड-5: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*छान्दोग्य उपनिषद के [[छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1|अध...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replace - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{छान्दोग्य उपनिषद}}")
Line 14: Line 14:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{छान्दोग्य उपनिषद}}
[[Category:छान्दोग्य उपनिषद]]
[[Category:छान्दोग्य उपनिषद]]
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:दर्शन कोश]]

Revision as of 14:57, 8 September 2011

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य
  • इस खण्ड में 'उद्गीथ' और 'प्रणव' को एक रूप ही माना गया है।
  • सूर्य ही उद्गीथ है, प्रणव है।
  • यह सतत गतिशील रहकर 'ॐ' का उच्चारण करता रहता है।
  • आगे कहा गया है कि मुख्य प्राण के रूप में ही उद्गीथ की उपासना करनी चाहिए।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 | खण्ड-14 | खण्ड-15 | खण्ड-16 | खण्ड-17 | खण्ड-18 | खण्ड-19 | खण्ड-20 | खण्ड-21 | खण्ड-22 | खण्ड-23 | खण्ड-24

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3

खण्ड-1 से 5 | खण्ड-6 से 10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 से 19

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-4

खण्ड-1 से 3 | खण्ड-4 से 9 | खण्ड-10 से 17

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-5

खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 से 10 | खण्ड-11 से 24

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6

खण्ड-1 से 2 | खण्ड-3 से 4 | खण्ड-5 से 6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 से 13 | खण्ड-14 से 16

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7

खण्ड-1 से 15 | खण्ड-16 से 26

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8

खण्ड-1 से 6 | खण्ड-7 से 15