धनिया: Difference between revisions

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*धनिया चरपरा, कसैला और जठराग्नि को प्रदीप्त करने वाला होता है।
*धनिया चरपरा, कसैला और जठराग्नि को प्रदीप्त करने वाला होता है।
*यह पाचक एवं ज्वरनाशक भी है।
*यह पाचक एवं ज्वरनाशक भी है।
*पिसी हरे धनिया की पत्ती सिरदर्द, अन्य सूजन पर लेप बनाकर लगाने से आराम मिलता है।
*पिसी हरे धनिया की पत्ती सिरदर्द, अन्य सूजन पर लेप बनाकर लगाने से आराम मिलता है।
*मुँह के छालों या गले के रोगों में हरे धनिया के रस से कुल्ला करना चाहिए।
*मुँह के छालों या गले के रोगों में हरे धनिया के रस से कुल्ला करना चाहिए।
*आँखों की सूजन व लाली में धनिया को कूटकर पानी में उबाल कर, उस पानी को कपड़े से छानकर आँखों में टपकाने से दर्द कम होता है।
*आँखों की सूजन व लाली में धनिया को कूटकर पानी में उबाल कर, उस पानी को कपड़े से छानकर आँखों में टपकाने से दर्द कम होता है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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Revision as of 11:55, 14 December 2011

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धनिया (अंग्रेजी: Coriander) आमतौर पर सब्ज़ियों में इस्तेमाल किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम "कोरिएनड्रम सटिवुम" (Coriandrum sativum) है। पाँच हज़ार साल पहले ही हरे धनिए का उपयोग हमारे खान-पान में किया जाने लगा था। एक यूरोपीय राजा ने इसे उपयोगी जानकर इसके महत्व को पहचाना और इसकी खेती करने पर जोर दिया। धनिया मध्य एशिया, भारत, दक्षिण एशिया, मैक्सिकन, टेक्सस, लैटिन अमेरिका, चीन, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया, फ्राँस और स्कैंडिनेवियाई देशों में भोजन में इसका उपयोग बड़े ही सम्मान के साथ किया जाता है।

धनिए का उपयोग

कुछ जाति के लोग हरा धनिया खाने के बहुत शौकीन थे। वे इसके बिना कुछ भी नहीं बना पाते थे। अठारहवीं सदी में धनिए के बीजों का उपयोग माउथफ्रेशनर बनाने के लिए किया गया। साथ ही माँसाहारी, शाकाहारी, नमकीन, सूप आदि में भी हरे धनिए का उपयोग किया जाने लगा। कुछ लोग तो केवल सजावट के तौर पर कभी-कभी इसका उपयोग करते हैं, लेकिन अधिकतर घरों में तो रोजाना हरे धनिया का इस्तेमाल होता है। धनिये के सभी भाग खाद्य साम्रगी के लिए उपयुक्त रहे हैं, लेकिन ताज़ा धनिये के पत्ते और सूखे बीजों का सबसे अधिक खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है। धनिया भारतीय रसोई में प्रयोग किए जाने वाली सुंगंधित हरी पत्तीयाँ हैं।

लाभदायक धनिया

आयुर्वेद के अनुसार इसके उपयोग से शरीर को बहुत फायदे होते हैं -

  • हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है।
  • हरे धनिया के साथ ख़ास-तौर पर पुदीना मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। जो हमारे शरीर को आराम देती है। इसको खाने से नींद भी अच्छी आती है।
  • शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है।
  • ताज़ा हरा धनिया व हरी मिर्च की चटनी उत्तरांचल में बहुत प्रसिद्ध है। इसका उपयोग मेहमान नवाजी में ख़ासतौर पर किया जाता है।
  • गुजराती लोग ख़ासतौर पर हरे धनिए के साथ लहसुन और गुड़ मिलाकर इस चटनी का उपयोग करते हैं।
  • धानिवाला कोरमा हरे धनिए के कारण ही कश्मीर में मशहूर है।
  • मध्यप्रदेश में गर्मी के दिनों में ख़ास कर हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर चटनी बनाई जाती है। जो दाल-बाटी या सादे भोजन के साथ भी बनाई जाती है।
  • घर पर पानीपूरी बनाने-खाने वाले लोग भी हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर घर में ही मसाले वाला पानी तैयार करते हैं, जो बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचनशक्ति को ठीक करने का काम करता है।
  • हरे धनिए का दही के रायते में भी भरपूर उपयोग किया जाता है।
  • माँस को ताजा बनाए रखने के लिए भी हरे धनिए का इस्तेमाल किया जाता है।
  • ईरान में धनिया चिंता और अनिद्रा से राहत के लिए चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • इतने सारे गुणों के बाद यह कमाल है कि यह बहुत ज़्यादा महँगा नहीं होता। और बाज़ार में बारह महीने आसानी से उपलब्ध रहता है। सिर्फ गर्मी के दिनों में इसके भावों में कुछ तेजी आ जाती है।[1]

thumb|250px|धनिया

धनिये से घरेलू उपचार

  • धनिया चरपरा, कसैला और जठराग्नि को प्रदीप्त करने वाला होता है।
  • यह पाचक एवं ज्वरनाशक भी है।
  • पिसी हरे धनिया की पत्ती सिरदर्द, व अन्य सूजन पर लेप बनाकर लगाने से आराम मिलता है।
  • मुँह के छालों या गले के रोगों में हरे धनिया के रस से कुल्ला करना चाहिए।
  • आँखों की सूजन व लाली में धनिया को कूटकर पानी में उबाल कर, उस पानी को कपड़े से छानकर आँखों में टपकाने से दर्द कम होता है।
  • धनिया पत्ती का रस नकसीर फूटने पर नाक में टपकाने से खून आना बंद हो जाता है।
  • गर्मी की वजह से पेट में होने वाले दर्द में धनिया का चूर्ण मिश्री के साथ लेने से फ़ायदा होता है।
  • आँखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूँद आँखों में टपकाने से आँखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएँ दूर होती हैं।
  • हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूँद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर मलने से खून तुरंत बंद हो जाता है।
  • गर्भ धारण करने के दो-तीन महीने तक गर्भवती महिला को उल्टियाँ आती है। ऐसे में धनिये का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिला कर पीने से जी घबराना बंद होता है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हरा धनिया (हिन्दी) (एच. टी. एम) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 22 अगस्त, 2011।
  2. ताजा हरा धनिया (हिन्दी) (एच. टी. एम) वेबदुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 22 अगस्त, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

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