शिवकुमार शर्मा: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
कात्या सिंह (talk | contribs) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 33: | Line 33: | ||
'''शिवकुमार शर्मा''' (जन्म- [[13 जनवरी]], 1938) [[भारत]] के प्रसिद्ध [[संतूर]] वादक है। आज संतूर की लोकप्रियता का सर्वाधिक श्रेय शिवकुमार शर्मा को ही जाता है। उन्होंने संतूर को शास्त्रीय संगीत के अनुकूल बनाने के लिये इसमें कुछ परिवर्तन भी किये। | '''शिवकुमार शर्मा''' (जन्म- [[13 जनवरी]], 1938) [[भारत]] के प्रसिद्ध [[संतूर]] वादक है। आज संतूर की लोकप्रियता का सर्वाधिक श्रेय शिवकुमार शर्मा को ही जाता है। उन्होंने संतूर को शास्त्रीय संगीत के अनुकूल बनाने के लिये इसमें कुछ परिवर्तन भी किये। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
शिवकुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 को [[जम्मू]] में हुआ था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय गायिका थीं जो बनारस घराने से संबंध रखती थीं। 4 वर्ष कि अल्पायु से ही शिवकुमार शर्मा ने अपने पिता से गायन व [[तबला]] वादन सीखना प्रारंभ कर दिया था। | शिवकुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 को [[जम्मू]] में हुआ था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय गायिका थीं जो बनारस घराने से संबंध रखती थीं। 4 वर्ष कि अल्पायु से ही शिवकुमार शर्मा ने अपने पिता से गायन व [[तबला]] वादन सीखना प्रारंभ कर दिया था। शिवकुमार शर्मा ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी माँ का यह सपना था कि वे भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजाने वाले प्रथम संगीतज्ञ बनें। इस प्रकार उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संतूर सीखना शुरू कर दिया तथा अपनी माँ का सपना पूरा किया। | ||
शिवकुमार शर्मा ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी माँ का यह सपना था कि वे भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजाने वाले प्रथम संगीतज्ञ बनें। इस प्रकार उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संतूर सीखना शुरू कर दिया तथा अपनी माँ का सपना पूरा किया। | |||
====प्रथम प्रस्तुति==== | ====प्रथम प्रस्तुति==== | ||
शिवकुमार शर्मा ने अपनी प्रथम सार्वजनिक प्रस्तुति [[मुंबई]] में वर्ष 1955 में दी। | शिवकुमार शर्मा ने अपनी प्रथम सार्वजनिक प्रस्तुति [[मुंबई]] में वर्ष 1955 में दी। | ||
Line 48: | Line 46: | ||
==पिता-पुत्र की जुगलबंदी== | ==पिता-पुत्र की जुगलबंदी== | ||
शिवकुमार शर्मा ने अनोखे संतूर वादन की कला | शिवकुमार शर्मा ने अपने पुत्र राहुल शर्मा को अपना शिष्य बनाया और संतूर-वादन में पारंगत किया। शिवकुमार शर्मा ने अपने अनोखे संतूर वादन की कला अपने शिष्य बने सुपुत्र राहुल को प्रदान की तथा पिता-पुत्र की यह जोड़ी वर्ष 1996 से साथ-साथ संतूर-वादन में जुगलबंदी करते रहे हैं। | ||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
Line 59: | Line 57: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{शास्त्रीय वादक कलाकार}} | {{शास्त्रीय वादक कलाकार}} | ||
[[Category:वादन]] | [[Category:वादन]] | ||
[[Category:शास्त्रीय वादक कलाकार]] | [[Category:शास्त्रीय वादक कलाकार]] | ||
[[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म विभूषण]] | |||
[[Category:संगीत कोश]] | [[Category:संगीत कोश]] | ||
[[Category:कला कोश]] | [[Category:कला कोश]] | ||
[[Category:चरित कोश]] | [[Category:चरित कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 05:55, 27 January 2012
शिवकुमार शर्मा
| |
पूरा नाम | पंडित शिवकुमार शर्मा |
जन्म | 13 जनवरी, 1938 |
जन्म भूमि | जम्मू |
पति/पत्नी | मनोरमा |
कर्म-क्षेत्र | संगीतज्ञ |
पुरस्कार-उपाधि | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री, पद्म विभूषण |
प्रसिद्धि | संतूर वादक |
नागरिकता | भारतीय |
सक्रिय वर्ष | 1955–वर्तमान |
प्रथम प्रस्तुति | मुंबई में वर्ष 1955 में |
अन्य जानकारी | 13 वर्ष की आयु में संतूर सीखना शुरू कर दिया तथा अपनी माँ का सपना पूरा किया। |
अद्यतन | 13:22, 25 जनवरी 2012 (IST)
|
शिवकुमार शर्मा (जन्म- 13 जनवरी, 1938) भारत के प्रसिद्ध संतूर वादक है। आज संतूर की लोकप्रियता का सर्वाधिक श्रेय शिवकुमार शर्मा को ही जाता है। उन्होंने संतूर को शास्त्रीय संगीत के अनुकूल बनाने के लिये इसमें कुछ परिवर्तन भी किये।
जीवन परिचय
शिवकुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में हुआ था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय गायिका थीं जो बनारस घराने से संबंध रखती थीं। 4 वर्ष कि अल्पायु से ही शिवकुमार शर्मा ने अपने पिता से गायन व तबला वादन सीखना प्रारंभ कर दिया था। शिवकुमार शर्मा ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी माँ का यह सपना था कि वे भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजाने वाले प्रथम संगीतज्ञ बनें। इस प्रकार उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संतूर सीखना शुरू कर दिया तथा अपनी माँ का सपना पूरा किया।
प्रथम प्रस्तुति
शिवकुमार शर्मा ने अपनी प्रथम सार्वजनिक प्रस्तुति मुंबई में वर्ष 1955 में दी।
फ़िल्मों में संगीत
शिवकुमार शर्मा ने फासले, सिलसिला, लम्हे, चांदनी, डर आदि हिन्दी फ़िल्मों में प्रसिद्ध संगीत दिया है।
सम्मान एवं पुरस्कार
शिवकुमार शर्मा को कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
- सन 1985 में उन्हें अमरीका के बोल्टिमोर शहर की सम्माननीय नागरिकता प्रदान की गई।
- सन 1986 में शिवकुमार शर्मा को 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
- सन 1991 में उन्हें 'पद्मश्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
- सन 2001 में उन्हें 'पद्म विभूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
पिता-पुत्र की जुगलबंदी
शिवकुमार शर्मा ने अपने पुत्र राहुल शर्मा को अपना शिष्य बनाया और संतूर-वादन में पारंगत किया। शिवकुमार शर्मा ने अपने अनोखे संतूर वादन की कला अपने शिष्य बने सुपुत्र राहुल को प्रदान की तथा पिता-पुत्र की यह जोड़ी वर्ष 1996 से साथ-साथ संतूर-वादन में जुगलबंदी करते रहे हैं।
|
|
|
|
|
वीथिका
-
शिवकुमार शर्मा
-
शिवकुमार शर्मा
-
जुगलबंदी करते शिवकुमार शर्मा और राहुल शर्मा
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख