राजमहेन्द्री: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''राजमहेन्द्री''' आन्ध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''राजमहेन्द्री''' [[आन्ध्र प्रदेश]] में [[गोदावरी नदी]] के वाम तट पर समुद्र तट से 30 मील {{मील|मील=30}} की दूरी पर स्थित है। किंवदंती है कि गोदावरी की सात धाराओं में से अंतिम 'वशिष्ठधारा' राजमहेन्द्री के निकट ही 'अंतर्वेदी' नामक स्थान में है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=782|url=}}</ref> | [[चित्र:Godavari-Rajahmundry.jpg|thumb|250px|गोदावरी पुल, राजमहेन्द्री]] | ||
'''राजमहेन्द्री''' या 'राजहमुन्द्री' [[आन्ध्र प्रदेश]] में [[गोदावरी नदी]] के वाम तट पर समुद्र तट से 30 मील {{मील|मील=30}} की दूरी पर स्थित है। किंवदंती है कि गोदावरी की सात धाराओं में से अंतिम 'वशिष्ठधारा' राजमहेन्द्री के निकट ही 'अंतर्वेदी' नामक स्थान में है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=782|url=}}</ref> | |||
*राजमहेन्द्री के निकट ही नरसापुर ग्राम बसा हुआ है। | *राजमहेन्द्री के निकट ही नरसापुर ग्राम बसा हुआ है। | ||
*ई. सन से बहुत पहले राजमहेन्द्री में [[उड़ीसा]] की सर्वप्राचीन राजधानी थी। | *ई. सन से बहुत पहले राजमहेन्द्री में [[उड़ीसा]] की सर्वप्राचीन राजधानी थी। | ||
Line 9: | Line 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{आंध्र प्रदेश के | {{आंध्र प्रदेश के नगर}} | ||
[[Category:आंध्र प्रदेश]][[Category:आंध्र प्रदेश के | [[Category:आंध्र प्रदेश]][[Category:आंध्र प्रदेश के नगर]][[Category:आंध्र प्रदेश के ऐतिहासिक नगर]][[Category:भारत के नगर]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 08:57, 29 June 2012
thumb|250px|गोदावरी पुल, राजमहेन्द्री राजमहेन्द्री या 'राजहमुन्द्री' आन्ध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के वाम तट पर समुद्र तट से 30 मील (लगभग 48 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है। किंवदंती है कि गोदावरी की सात धाराओं में से अंतिम 'वशिष्ठधारा' राजमहेन्द्री के निकट ही 'अंतर्वेदी' नामक स्थान में है।[1]
- राजमहेन्द्री के निकट ही नरसापुर ग्राम बसा हुआ है।
- ई. सन से बहुत पहले राजमहेन्द्री में उड़ीसा की सर्वप्राचीन राजधानी थी।
- माना जाता है कि उड़ीसा के प्रथम राजवंश राजा महेन्द्र देव ने इसे बसाया था, जिनके नाम पर ही यह नगरी राजमहेन्द्री कहलाई।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 782 |