अंतरिक्ष उपयोग केंद्र: Difference between revisions
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अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक), 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) के प्रमुख केंद्रों में से एक है। नीतभार के अभिकल्पन और विकास, सामाजिक, क्षमता निर्माण और अंतरिक्ष विज्ञान समाविष्ट विविध विषयों के साथ व्यवहार करने वाला यह अनूठा केंद्र है, जो इनके द्वारा प्रौद्योगिकी, विज्ञान और उपयोग में तालमेल बिठाता है।
कार्य तथा भूमिका
यह केंद्र, संचार, नौवहन, पृथ्वी और ग्रह संबंधी प्रेक्षण, मौसम विज्ञानीय नीतभार और संबंधित आँकडों के संसाधन और भूमिगत प्रणालियों के विकास, प्रापण एवं अर्हता के लिए उत्तरदायी है। अंतरिक्ष उपयोग केंद्र द्वारा प्राकृतिक संसाधनों, मौसम और पर्यावरण अध्ययन, आपदा मोनीटरन/प्रशमन आदि के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय स्तर के उपयोग कार्यक्रम भी संचालित किये जाते हैं। यह सामाजिक लाभ के लिए व्यापक वैविध्य वाले उपयोगों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। समय की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए संगठनात्मक संरचना सतत रूप से गतिशील है। सैक, अहमदाबाद के भू-केंद्र और दिल्ली के भू-केंद्र का परिचालन व रख-रखाव करता है।
संस्था
संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.) से संबद्ध एशिया और प्रशांत (सी.एस.एस.टी.ई.ए.पी.) में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा केंद्र के तहत उपग्रह संचार, उपग्रह मौसम विज्ञान और वैश्विक परिवर्तन से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए सैक एक मेजबान संस्था है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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