मेरठ: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''मेरठ''' [[गंगा नदी|गंगा]] तथा [[यमुना नदी|यमुना]] दोआब के मध्यवर्ती भाग में बसा हुआ है। [[गंग नहर]] और [[हिंडन नदी]] के तट पर बसा मेरठ 3911 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला [[उत्तर प्रदेश]] का प्रमुख ziला है। उत्तर में [[मुज़फ़्फ़रनगर]], दक्षिण में [[ग़ाज़ियाबाद]] और [[बुलंदशहर]] तथा पश्चिम में [[बागपत]] ज़िले से घिरे मेरठ में अनेक दर्शनीय स्थल हैं। | |||
मेरठ [[गंगा नदी|गंगा]] तथा [[यमुना नदी|यमुना]] दोआब के मध्यवर्ती भाग में बसा हुआ है। [[गंग नहर]] और [[हिंडन नदी]] के तट पर बसा मेरठ 3911 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला [[उत्तर प्रदेश]] का प्रमुख ziला है। उत्तर में [[ | |||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
*हिंदू मान्यता है कि मेरठ की स्थापना [[रावण]] के ससुर माया ने की थी और इसे 'मैदांत का खेड़ा' कहा था। | *हिंदू मान्यता है कि मेरठ की स्थापना [[रावण]] के ससुर माया ने की थी और इसे 'मैदांत का खेड़ा' कहा था। | ||
Line 17: | Line 14: | ||
==दर्शनीय स्थल== | ==दर्शनीय स्थल== | ||
धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से मेरठ में अनेक दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें देखने की लालसा में सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं। | धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से मेरठ में अनेक दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें देखने की लालसा में सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं। | ||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
[[Category:उत्तर_प्रदेश]][[Category:उत्तर_प्रदेश_के_नगर]]__INDEX__ | [[Category:उत्तर_प्रदेश]][[Category:उत्तर_प्रदेश_के_नगर]]__INDEX__ |
Revision as of 14:12, 30 July 2010
मेरठ गंगा तथा यमुना दोआब के मध्यवर्ती भाग में बसा हुआ है। गंग नहर और हिंडन नदी के तट पर बसा मेरठ 3911 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला उत्तर प्रदेश का प्रमुख ziला है। उत्तर में मुज़फ़्फ़रनगर, दक्षिण में ग़ाज़ियाबाद और बुलंदशहर तथा पश्चिम में बागपत ज़िले से घिरे मेरठ में अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
इतिहास
- हिंदू मान्यता है कि मेरठ की स्थापना रावण के ससुर माया ने की थी और इसे 'मैदांत का खेड़ा' कहा था।
- एक अन्य मान्यता के अनुसार, माया नामक एक वास्तुकार ने इसे राजा युधिष्ठिर से प्राप्त किया था। माया के नाम पर ही इसे 'मैराष्ट्र' कहा गया था।
- मेरठ में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम चिंगारी फूटी थी। मेरठ छावनी में तैनात तीसरी कैवेलरी के 85 सैनिकों द्वारा परेड ग्राउंड पर चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग के आदेश की अवहेलना ने भारत की स्वाधीनता के प्रथम संग्राम को एक ऐसा मोड़ दिया जिसको 1857 की क्रांति के नाम से जाना गया। 10 मई 1857 को प्रस्फुटित हुई यह क्रांति मात्र सैनिक विद्रोह नहीं थी। इसका सर्वाधिक उल्लेखनीय पहलू यह है कि इसमें हिन्दू और मुसलमान दोनों ही अपने राष्ट्रीय धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध थे।
कृषि
मेरठ कृषि प्रधान क्षेत्र है। उत्तर प्रदेश का कृषि का प्रमुख केन्द्र है। यहाँ गेंहूँ, कपास, दाल, तिलहन, और गुड़ का व्यापार होता है।
उद्योग
कृषिगत वस्तुओं के व्यापार का भी यह मुख्य केन्द्र है। यहाँ लोहे की वस्तुएँ—कैंची, चाकू-छुरियाँ, सरौते आदि अधिक बनाए जाते हैं। यह उत्तर प्रदेश की गुड़ की सबसे बड़ी मंण्डी है। यहाँ पर चीनी की कई मिलें हैं।
शिक्षा
परिवहन
यह रेलमार्गों का बड़ा केन्द्र है।
दर्शनीय स्थल
धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से मेरठ में अनेक दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें देखने की लालसा में सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं।
|
|
|
|
|