Template:एक व्यक्तित्व: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 6: Line 6:
|-
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
[[चित्र:Sumitranandan-Pant.jpg|right|100px|link=सुमित्रानंदन पंत|border]]
[[चित्र:Tulsidas.jpg|right|100px|link=तुलसीदास|border]]
<poem>
<poem>
         '''[[सुमित्रानंदन पंत]]''' [[हिंदी साहित्य]] में [[छायावादी युग]] के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था। हिंदी साहित्य के ‘विलियम वर्ड्सवर्थ’ कहे जाने वाले इस कवि ने महानायक [[अमिताभ बच्चन]] को ‘अमिताभ’ नाम दिया था। आधी सदी से भी अधिक लंबे उनके रचनाकाल में आधुनिक हिंदी कविता का एक पूरा युग समाया हुआ है। [[सुमित्रानंदन पंत|... और पढ़ें]]
         '''[[तुलसीदास|गोस्वामी तुलसीदास]]''' [[हिन्दी साहित्य]] के आकाश के परम नक्षत्र, [[भक्तिकाल]] की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि है। तुलसीदास एक साथ कवि, भक्त तथा समाज सुधारक तीनों रूपों में मान्य है। [[राम|श्रीराम]] को समर्पित विश्वविख्यात ग्रन्थ [[रामचरितमानस|श्रीरामचरितमानस]] को समस्त [[उत्तर भारत]] में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। अपनी पत्नी 'रत्नावली' से अत्याधिक प्रेम के कारण तुलसीदास को रत्नावली की फटकार "लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ" सुननी पड़ी जिससे इनका जीवन ही परिवर्तित हो गया। [[तुलसीदास|... और पढ़ें]]
</poem>
</poem>
----
----
Line 15: Line 15:
|-
|-
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[सुमित्रानंदन पंत]] ·
| [[सुभाष चंद्र बोस]] ·
| [[सुभाष चंद्र बोस]] ·
| [[स्वामी विवेकानन्द]] ·
| [[स्वामी विवेकानन्द]] ·
| [[महाराणा प्रताप]] ·
| [[महाराणा प्रताप]]  
| [[मीरां|मीरांबाई]]  
|}</center>
|}</center>
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

Revision as of 12:27, 5 October 2013

एक व्यक्तित्व

right|100px|link=तुलसीदास|border

        गोस्वामी तुलसीदास हिन्दी साहित्य के आकाश के परम नक्षत्र, भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि है। तुलसीदास एक साथ कवि, भक्त तथा समाज सुधारक तीनों रूपों में मान्य है। श्रीराम को समर्पित विश्वविख्यात ग्रन्थ श्रीरामचरितमानस को समस्त उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। अपनी पत्नी 'रत्नावली' से अत्याधिक प्रेम के कारण तुलसीदास को रत्नावली की फटकार "लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ" सुननी पड़ी जिससे इनका जीवन ही परिवर्तित हो गया। ... और पढ़ें


पिछले लेख सुमित्रानंदन पंत · सुभाष चंद्र बोस · स्वामी विवेकानन्द · महाराणा प्रताप