तीन वार्षिक योजना: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (श्रेणी:पंचवर्षीय योजना (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
|चित्र=Planning Commission.jpg
|चित्र का नाम=योजना आयोग
|विवरण=[[चीन]] और [[पाकिस्तान]] से युद्ध एवं [[वर्षा]] न होने के कारण [[तृतीय पंचवर्षीय योजना]] अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल रही, जिसके कारण चौथी योजना तीन वर्ष के लिए स्थगित करके इसके स्थान पर [[तीन वार्षिक योजना|तीन एक वर्षीय योजनाएँ]] लागू की गईं।
|शीर्षक 1=कार्यकाल
|पाठ 1= वर्ष 1966-67, 1967-68 तथा 1968-69
|शीर्षक 2=योजना आकार
|पाठ 2=योजना के आरम्भ में 1093 करोड़ रुपये थे, जो योजना के अंत तक बढ़ कर 1409 करोड़ रुपये तक पहुँच गये।
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|शीर्षक 6=
|पाठ 6=
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
[[भारत]] का [[चीन]] (1962) और [[पाकिस्तान]] (1965) से युद्ध होने एवं [[वर्षा]] न होने के कारण [[तृतीय पंचवर्षीय योजना]] अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल रही, जिसके कारण चौथी योजना तीन वर्ष के लिए स्थगित करके इसके स्थान पर [[तीन वार्षिक योजना|तीन एक वर्षीय योजनाएँ]] लागू की गईं।
*[[भारत]] में [[प्रथम पंचवर्षीय योजना]] ([[1951]]-[[1956|56]]) तक लागू की गयी।
*[[भारत]] में [[प्रथम पंचवर्षीय योजना]] ([[1951]]-[[1956|56]]) तक लागू की गयी।
*प्रथम पंचवर्षीय योजना में [[कृषि]] को प्राथमिकता दी गयी।  
*प्रथम पंचवर्षीय योजना में [[कृषि]] को प्राथमिकता दी गयी।  
Line 4: Line 34:
*तृतीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल [[1961]] से [[1966]] तक रहा।
*तृतीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल [[1961]] से [[1966]] तक रहा।
*[[वर्ष]] [[1965]] में [[भारत]] - [[पाकिस्तान]] युद्ध से पैदा हुई स्थिति, दो साल लगातार भीषण सूखा पड़ने, मुद्रा का अवमूल्यन होने, कीमतों में हुई वृद्धि तथा योजना उद्देश्यों के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण 'चौथी योजना' को अंतिम रूप देने में देरी हुई। इसलिए इसका स्थान पर चौथी योजना के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए [[1966]] से [[1969]] तक तीन वार्षिक योजनाएँ बनायी गयीं। इस अवधि को '[[योजना अवकाश]]' (Plan Holiday) कहा गया है।
*[[वर्ष]] [[1965]] में [[भारत]] - [[पाकिस्तान]] युद्ध से पैदा हुई स्थिति, दो साल लगातार भीषण सूखा पड़ने, मुद्रा का अवमूल्यन होने, कीमतों में हुई वृद्धि तथा योजना उद्देश्यों के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण 'चौथी योजना' को अंतिम रूप देने में देरी हुई। इसलिए इसका स्थान पर चौथी योजना के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए [[1966]] से [[1969]] तक तीन वार्षिक योजनाएँ बनायी गयीं। इस अवधि को '[[योजना अवकाश]]' (Plan Holiday) कहा गया है।
*तृतीय योजना काल में व्यापार संतुलन [[भारत]] के पक्ष में सुधरने के स्थान पर निरंतर विपक्ष में बढ़्ता ही गया। इसका कारण आयातों की मात्रा में निरंतर वृद्धि होना था। योजना के आरम्भ म्में आयात 1093 करोड़ रुपये के थे, जो योजना के अंत तक बढ़ कर 1409 करोड़ रुपये तक पहुँच गये।
*तृतीय योजना काल में व्यापार संतुलन [[भारत]] के पक्ष में सुधरने के स्थान पर निरंतर विपक्ष में बढ़ता ही गया। इसका कारण आयातों की मात्रा में निरंतर वृद्धि होना था। योजना के आरम्भ में आयात 1093 करोड़ रुपये थे, जो योजना के अंत तक बढ़ कर 1409 करोड़ रुपये तक पहुँच गये।
*वार्षिक योजनाओं में विदेशी व्यापार [[1966]] से [[1967]], 1967 से [[1968]] तथा 1968 से [[1969]] तक तृतीय योजना के उपरांत चतुर्थ योजना को लागू नहीं किया गया बल्कि वार्षिक योजनाओं का सहारा लिया गया। इस प्रकार 'तीन वार्षिक योजनाएँ' क्रमश: 1966-67, 1967-68 तथा 1968-69 में लागू की गयीं।<ref>{{cite web |url=http://books.google.co.in/books?id=wGW27BTWtFIC&dq=%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%A8+%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%95+%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81&source=gbs_navlinks_s |title=आधुनिक भारत का आर्थिक इतिहास, पृष्ठ संख्या 654|accessmonthday=14 अगस्त|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>
*वार्षिक योजनाओं में विदेशी व्यापार [[1966]] से [[1967]], 1967 से [[1968]] तथा 1968 से [[1969]] तक तृतीय योजना के उपरांत चतुर्थ योजना को लागू नहीं किया गया बल्कि वार्षिक योजनाओं का सहारा लिया गया। इस प्रकार 'तीन वार्षिक योजनाएँ' क्रमश: 1966-67, 1967-68 तथा 1968-69 में लागू की गयीं।<ref>{{cite web |url=http://books.google.co.in/books?id=wGW27BTWtFIC&dq=%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%A8+%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%95+%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81&source=gbs_navlinks_s |title=आधुनिक भारत का आर्थिक इतिहास, पृष्ठ संख्या 654|accessmonthday=14 अगस्त|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>



Revision as of 14:33, 19 August 2014

तीन वार्षिक योजना
विवरण चीन और पाकिस्तान से युद्ध एवं वर्षा न होने के कारण तृतीय पंचवर्षीय योजना अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल रही, जिसके कारण चौथी योजना तीन वर्ष के लिए स्थगित करके इसके स्थान पर तीन एक वर्षीय योजनाएँ लागू की गईं।
कार्यकाल वर्ष 1966-67, 1967-68 तथा 1968-69
योजना आकार योजना के आरम्भ में 1093 करोड़ रुपये थे, जो योजना के अंत तक बढ़ कर 1409 करोड़ रुपये तक पहुँच गये।

भारत का चीन (1962) और पाकिस्तान (1965) से युद्ध होने एवं वर्षा न होने के कारण तृतीय पंचवर्षीय योजना अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल रही, जिसके कारण चौथी योजना तीन वर्ष के लिए स्थगित करके इसके स्थान पर तीन एक वर्षीय योजनाएँ लागू की गईं।

  • भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) तक लागू की गयी।
  • प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि को प्राथमिकता दी गयी।
  • द्वितीय पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 'तीव्र औद्योगिकीकरण' था।
  • तृतीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 1961 से 1966 तक रहा।
  • वर्ष 1965 में भारत - पाकिस्तान युद्ध से पैदा हुई स्थिति, दो साल लगातार भीषण सूखा पड़ने, मुद्रा का अवमूल्यन होने, कीमतों में हुई वृद्धि तथा योजना उद्देश्यों के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण 'चौथी योजना' को अंतिम रूप देने में देरी हुई। इसलिए इसका स्थान पर चौथी योजना के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए 1966 से 1969 तक तीन वार्षिक योजनाएँ बनायी गयीं। इस अवधि को 'योजना अवकाश' (Plan Holiday) कहा गया है।
  • तृतीय योजना काल में व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में सुधरने के स्थान पर निरंतर विपक्ष में बढ़ता ही गया। इसका कारण आयातों की मात्रा में निरंतर वृद्धि होना था। योजना के आरम्भ में आयात 1093 करोड़ रुपये थे, जो योजना के अंत तक बढ़ कर 1409 करोड़ रुपये तक पहुँच गये।
  • वार्षिक योजनाओं में विदेशी व्यापार 1966 से 1967, 1967 से 1968 तथा 1968 से 1969 तक तृतीय योजना के उपरांत चतुर्थ योजना को लागू नहीं किया गया बल्कि वार्षिक योजनाओं का सहारा लिया गया। इस प्रकार 'तीन वार्षिक योजनाएँ' क्रमश: 1966-67, 1967-68 तथा 1968-69 में लागू की गयीं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आधुनिक भारत का आर्थिक इतिहास, पृष्ठ संख्या 654 (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2011।

संबंधित लेख