पंजाब नेशनल बैंक: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | |||
'''पंजाब नेशनल बैंक''' (पीएनबी) ([[अंग्रेज़ी]]: ''Punjab National Bank'' (PNB)) [[भारत]] के प्रमुख पुराने | |चित्र=PunjabNationalBank_thumb.jpg | ||
|चित्र का नाम= पंजाब नेशनल बैंक का प्रतीक चिह्न | |||
|विवरण=पंजाब नेशनल बैंक, [[भारत]] के प्रमुख पुराने बैंकों में से एक है। यह एक अनुसूचित बैंक भी है। | |||
|शीर्षक 1=अन्य नाम | |||
|पाठ 1=पी.एन.बी. | |||
|शीर्षक 2=स्थापना | |||
|पाठ 2=[[12 अप्रैल]], [[1895]] | |||
|शीर्षक 3=राष्ट्रीयकरण | |||
|पाठ 3=[[जुलाई]], [[1969]] | |||
|शीर्षक 4=संस्थापक | |||
|पाठ 4=[[लाला लाजपत राय]] | |||
|शीर्षक 5=मुख्यालय | |||
|पाठ 5=[[नई दिल्ली]], [[भारत]] | |||
|शीर्षक 6=प्रकार | |||
|पाठ 6=सार्वजनिक | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|अन्य जानकारी= पंजाब नेशनल बैंक [[भारत]] का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के 764 शहरों में इसकी लगभग 4500 शाखायें हैं। | |||
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.pnbindia.in/En/ui/Home.aspx आधिकारिक वेबसाइट] | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|12:48, 18 मार्च 2015 (IST)}} | |||
}} | |||
'''पंजाब नेशनल बैंक''' (पीएनबी) ([[अंग्रेज़ी]]: ''Punjab National Bank'' (PNB)) [[भारत]] के प्रमुख पुराने बैंकों में से एक है। यह एक अनुसूचित बैंक भी है। पंजाब नेशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के 764 शहरों में इसकी लगभग 4500 शाखायें हैं। इसके लगभग 37 लाख ग्राहक हैं। बैंकर अल्मानेक लंदन के अनुसार यह बैंक दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में 248वें स्थान पर है। आधारभूत रूप से यह बैंक 3.7 प्रतिशत से भी अधिक एन.आई.एम. वाला बैंक है। बैंक अपनी शाखाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ग्रामीण इलाकों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कर चुका यह बैंक अपने शाखा विस्तार कार्यक्रम के तहत 200 नई शाखाओं से परिपूर्ण हो जाएगा। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष [[2009]] में इसकी कुल शाखाओं की संख्या 4,319 हो जाएगी।<ref>{{cite web |url=http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=2321 |title=ख़रीदें पर संभलकर |accessmonthday=28 जनवरी |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=बिज़नेस स्टैंडर्ड |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | |||
==स्थापना== | ==स्थापना== | ||
अविभाजित भारत के [[लाहौर]] शहर में [[1894]] में स्थापित पंजाब नेशनल बैंक को ऐसा पहला भारतीय बैंक होने का गौरव प्राप्त है जो पूर्णत: भारतीय पूँजी से प्रारम्भ किया गया था। [[19 मई]], 1894 को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाज़ार लाहौर में इसके कार्यालय के साथ पंजीकृत किया गया था। | अविभाजित भारत के [[लाहौर]] शहर में [[1894]] में स्थापित पंजाब नेशनल बैंक को ऐसा पहला भारतीय बैंक होने का गौरव प्राप्त है जो पूर्णत: भारतीय पूँजी से प्रारम्भ किया गया था। [[19 मई]], 1894 को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाज़ार लाहौर में इसके कार्यालय के साथ पंजीकृत किया गया था। यह बैंक कारोबार हेतु 12 अप्रैल, 1895 को खुल गया। इसके पहले निदेशक-मंडल में 7 निदेशक थे जो इस प्रकार हैं : दयाल सिंह कालिज और ट्रिब्यून के संस्थापक सरदार दयाल सिंह मजिथिया; डी.ए.वी. कालिज के संस्थापकों में शामिल और उसकी प्रबंध-समिति के अध्यक्ष लाला लाल चंद जी; विख्यात बंगाली वकील काली प्रसन्न राय जी जो वर्ष 900 में [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के लाहौर सत्र में उसकी स्वागत समिति के अध्यक्ष भी रहे थे; लाला हरकृष्ण लाल जी जो पंजाब के पहले उद्योगपति के तौर पर प्रसिद्ध हुए; ई. सी. जैसावाला जी, सुप्रसिद्ध पारसी व्यापारी और जमशेदजी एंड कं. लाहौर के साझीदार; लाला प्रभु दयाल जी, मुलतान के जाने-माने रईस, व्यापारी और परोपकारी; बक्ष्शी जयशी राम जी, लाहौर के प्रसिद्ध दीवानी वकील और लाला डोलन दास जी, अमृतसर के सुप्रसिद्ध बैंकर, व्यापारी और रईस। अत: राष्ट्रीय और सार्वभौमिक भावना से ओतप्रोत होकर एक बंगाली, एक [[पारसी]], एक [[सिख]] और कुछ [[हिन्दू|हिन्दुओं]] ने इस बैंक को स्थापित किया जो कारोबार हेतु जन-साधारण के लिए 12 अप्रैल, 1985 को खुला। इसके लिए उनमें एक मिशनरी वाला उत्साह था। सरदार दयाल सिंह मजिथिया इसके प्रथम अध्यक्ष बने जबकि लाला हरकृष्ण लाल जी बोर्ड के पहले सचिव और श्री बुलाकी राम शास्त्री, लाहौर के बेरिस्टर इसके प्रबंधक नियुक्त किए गए। | ||
==राष्ट्रीयकरण== | ==राष्ट्रीयकरण== | ||
पंजाब नेशनल बैंक का राष्ट्रीयकरण 13 अन्य बैंकों के साथ [[जुलाई]], [[1969]] में हुआ। अपनी छोटी सी शुरुआत से आगे बढते हुए पंजाब नेशनल बैंक आज अपने आकार तथा महत्ता में काफ़ी आगे बढ़ गया है और वह भारत में प्रथम पंक्ति का बैंकिंग संस्थान बन गया है। वित्तीय वर्ष [[2007]] में, बैंक की कुल आस्तियां 60 अरब अमेरिकी डॉलर थीं। पंजाब नेशनल बैंक का [[ब्रिटेन]] में एक बैंकिंग सहायक उपक्रम है, साथ ही हांगकांग और [[काबुल]] में शाखाएँ और अल्माटी, [[शंघाई]], और दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय है। | पंजाब नेशनल बैंक का राष्ट्रीयकरण 13 अन्य बैंकों के साथ [[जुलाई]], [[1969]] में हुआ। अपनी छोटी सी शुरुआत से आगे बढते हुए पंजाब नेशनल बैंक आज अपने आकार तथा महत्ता में काफ़ी आगे बढ़ गया है और वह भारत में प्रथम पंक्ति का बैंकिंग संस्थान बन गया है। वित्तीय वर्ष [[2007]] में, बैंक की कुल आस्तियां 60 अरब अमेरिकी डॉलर थीं। पंजाब नेशनल बैंक का [[ब्रिटेन]] में एक बैंकिंग सहायक उपक्रम है, साथ ही हांगकांग और [[काबुल]] में शाखाएँ और अल्माटी, [[शंघाई]], और दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय है। | ||
==संस्थापक== | |||
पंजाब नेशनल बैंक के संस्थापक महान स्वतंत्रता सेनानी [[लाला लाजपत राय]] थे। लालाजी इस बात से बहुत व्यथित थे कि भारतीय पूंजी का इस्तेमाल अंग्रेजी बैंकों और कम्पनियों को चलाने में हो रहा है लेकिन सारा मुनाफा अंग्रेज़ों को मिल रहा है और भारतीयों को अपनी पूंजी पर केवल थोड़े से ब्याज से ही संतुष्ट होना पड़ रहा है। [[आर्य समाज]] के राय मूल राज जी के मन में काफी समय से यह विचार चल रहा था कि भारतीयों का अपना राष्ट्रीय बैंक होना चाहिए और इससे सहमत होते हुए लाला जी ने भी अपने लेख में इसकी आवश्यकता पर बल दिया। राय मूल राज जी के कहने पर लाला लाजपत राय जी ने अपने कुछ चुनिंदा मित्रों को एक परिपत्र प्रेषित करके सही मायनों में स्वदेशी अभियान के पहले विशेष रजनात्मक उपाय के रूप में एक भारतीय जवाइन्ट स्टॉक बैंक बनाए जाने का आग्रह किया और इसके लिए उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। दिनांक [[19 मई]], [[1894]] को संस्था का ज्ञापन और अंतर्नियम दायर व पंजीकृत करने के बाद बैंक का गठन भारतीय कम्पनी अधिनियम (1882 का अधिनियम VI) के तहत किया गया। बैंक का प्रोस्पेक्टस ट्रिब्यून, उर्दू अखबारे आम तथा पैसा अखबार में प्रकाशित हुआ। संस्थापकों की बैठक 23 मई, 1894 को पीएनबी के पहले अध्यक्ष श्री दयाल सिंह मजिथिया के लाहौर स्थित निवास स्थान पर हुई और उन्होंने योजना पर आगे काम करने का संकल्प किया। उन्होंने [[लाहौर]] के मशहूर अनारकली बाजार में जाने-माने रामा ब्रदर्स स्टोर के पास डाकखाने के सामने मकान किराए पर लेने का निर्णय किया। दिनांक [[12 अप्रैल]], [[1895]] को यानी [[पंजाब]] के प्रसिद्ध [[बैसाखी]] त्योहार से एक दिन पहले बैंक कारोबार के लिए खुल गया। बैंक की संस्कृति की झलक पहली ही बैठक से मिल गई थी। चौदह मूल शेयर धारकों और सात निदेशकों ने बहुत की कम संख्या में शेयर लिए ताकि बैंक का नियंत्रण बहुत बढ़े क्षेत्र में फैले हुए अनेक शेयर धारकों के पास रहे। इस तरह का एकदम पेशावर रवैया न तो उस समय और न आज ही आमतौर पर दिखायी देता है। | |||
==पुरस्कार तथा सम्मान== | |||
वर्ष [[2013]] के दौरान अपने प्रदर्शन के कारण, बैंक ने समाज की बेहतरी के लिए सेवा प्रदान करने और अपने समग्र प्रदर्शन के कारण कई पुरस्कार एवं सम्मान अर्जित किए। हाल ही में पीएनबी को इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर्स द्वारा गोल्डन पीकॉक अभिनव उत्पाद/सेवा पुरस्कार 2014, इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक इंटरप्राइजेज द्वारा "सतर्कता उत्कृष्टता पुरस्कार", एबीपी न्यूज द्वारा 'सर्वोत्तम सीएसआर प्रथाओं वाले संगठन' हेतु 'ग्लोबल सीएसआर उत्कृष्टता और लीडरशिप अवार्ड' और 'अग्रणी वित्तीय समावेशन पहल वाला बैंक अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। इनके अतिरिक्त, बैंक को आईडीबीआरटी, हैदराबाद द्वारा सर्वश्रेष्ठ जोखिम प्रबंधन और सुरक्षा पहल श्रेणी के तहत 'आईबीए बैंकिंग प्रौद्योगिकी पुरस्कार' और ग्राहक प्रबंधन एवं व्यावसायिक उत्कृष्टता पहल श्रेणी के तहत 'बैंकिंग प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार' के साथ सम्मानित किया गया है। साथ ही, संडे स्टैंडर्ड द्वारा बैंक को कृषि ऋण एवं समावेशन के अंतर्गत 'सर्वश्रेष्ठ बैंकर' के रूप में सम्मानित किया गया है। सम्मान के रूप में, पीएनबी को भारत के सर्वश्रेष्ठ बैंकों पर फाइनेंशियल एक्सप्रेस और अर्न्स्ट एंड यंग के सर्वेक्षण द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मध्य 'सबसे लाभदायक बैंक' के रूप में चुना गया है। विश्व स्तर पर, 'दी बैंकर' [[पत्रिका]], [[लंदन]] ने विश्व के शीर्ष 1000 बैंकों के मध्य पी.एन.बी. को 170वीं रैंक दी है। फोर्ब्स पत्रिका ने 2000 वैश्विक दिग्गजों के बीच पीएनबी को 668वां स्थान प्रदान किया है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[ | *[http://www.pnbindia.in/En/ui/Home.aspx आधिकारिक वेबसाइट] | ||
==सम्बंधित लेख== | ==सम्बंधित लेख== | ||
{{भारतीय बैंक}} | {{भारतीय बैंक}} |
Revision as of 07:18, 18 March 2015
पंजाब नेशनल बैंक
| |
विवरण | पंजाब नेशनल बैंक, भारत के प्रमुख पुराने बैंकों में से एक है। यह एक अनुसूचित बैंक भी है। |
अन्य नाम | पी.एन.बी. |
स्थापना | 12 अप्रैल, 1895 |
राष्ट्रीयकरण | जुलाई, 1969 |
संस्थापक | लाला लाजपत राय |
मुख्यालय | नई दिल्ली, भारत |
प्रकार | सार्वजनिक |
अन्य जानकारी | पंजाब नेशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के 764 शहरों में इसकी लगभग 4500 शाखायें हैं। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 12:48, 18 मार्च 2015 (IST)
|
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) (अंग्रेज़ी: Punjab National Bank (PNB)) भारत के प्रमुख पुराने बैंकों में से एक है। यह एक अनुसूचित बैंक भी है। पंजाब नेशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के 764 शहरों में इसकी लगभग 4500 शाखायें हैं। इसके लगभग 37 लाख ग्राहक हैं। बैंकर अल्मानेक लंदन के अनुसार यह बैंक दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में 248वें स्थान पर है। आधारभूत रूप से यह बैंक 3.7 प्रतिशत से भी अधिक एन.आई.एम. वाला बैंक है। बैंक अपनी शाखाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ग्रामीण इलाकों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कर चुका यह बैंक अपने शाखा विस्तार कार्यक्रम के तहत 200 नई शाखाओं से परिपूर्ण हो जाएगा। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2009 में इसकी कुल शाखाओं की संख्या 4,319 हो जाएगी।[1]
स्थापना
अविभाजित भारत के लाहौर शहर में 1894 में स्थापित पंजाब नेशनल बैंक को ऐसा पहला भारतीय बैंक होने का गौरव प्राप्त है जो पूर्णत: भारतीय पूँजी से प्रारम्भ किया गया था। 19 मई, 1894 को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाज़ार लाहौर में इसके कार्यालय के साथ पंजीकृत किया गया था। यह बैंक कारोबार हेतु 12 अप्रैल, 1895 को खुल गया। इसके पहले निदेशक-मंडल में 7 निदेशक थे जो इस प्रकार हैं : दयाल सिंह कालिज और ट्रिब्यून के संस्थापक सरदार दयाल सिंह मजिथिया; डी.ए.वी. कालिज के संस्थापकों में शामिल और उसकी प्रबंध-समिति के अध्यक्ष लाला लाल चंद जी; विख्यात बंगाली वकील काली प्रसन्न राय जी जो वर्ष 900 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र में उसकी स्वागत समिति के अध्यक्ष भी रहे थे; लाला हरकृष्ण लाल जी जो पंजाब के पहले उद्योगपति के तौर पर प्रसिद्ध हुए; ई. सी. जैसावाला जी, सुप्रसिद्ध पारसी व्यापारी और जमशेदजी एंड कं. लाहौर के साझीदार; लाला प्रभु दयाल जी, मुलतान के जाने-माने रईस, व्यापारी और परोपकारी; बक्ष्शी जयशी राम जी, लाहौर के प्रसिद्ध दीवानी वकील और लाला डोलन दास जी, अमृतसर के सुप्रसिद्ध बैंकर, व्यापारी और रईस। अत: राष्ट्रीय और सार्वभौमिक भावना से ओतप्रोत होकर एक बंगाली, एक पारसी, एक सिख और कुछ हिन्दुओं ने इस बैंक को स्थापित किया जो कारोबार हेतु जन-साधारण के लिए 12 अप्रैल, 1985 को खुला। इसके लिए उनमें एक मिशनरी वाला उत्साह था। सरदार दयाल सिंह मजिथिया इसके प्रथम अध्यक्ष बने जबकि लाला हरकृष्ण लाल जी बोर्ड के पहले सचिव और श्री बुलाकी राम शास्त्री, लाहौर के बेरिस्टर इसके प्रबंधक नियुक्त किए गए।
राष्ट्रीयकरण
पंजाब नेशनल बैंक का राष्ट्रीयकरण 13 अन्य बैंकों के साथ जुलाई, 1969 में हुआ। अपनी छोटी सी शुरुआत से आगे बढते हुए पंजाब नेशनल बैंक आज अपने आकार तथा महत्ता में काफ़ी आगे बढ़ गया है और वह भारत में प्रथम पंक्ति का बैंकिंग संस्थान बन गया है। वित्तीय वर्ष 2007 में, बैंक की कुल आस्तियां 60 अरब अमेरिकी डॉलर थीं। पंजाब नेशनल बैंक का ब्रिटेन में एक बैंकिंग सहायक उपक्रम है, साथ ही हांगकांग और काबुल में शाखाएँ और अल्माटी, शंघाई, और दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय है।
संस्थापक
पंजाब नेशनल बैंक के संस्थापक महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय थे। लालाजी इस बात से बहुत व्यथित थे कि भारतीय पूंजी का इस्तेमाल अंग्रेजी बैंकों और कम्पनियों को चलाने में हो रहा है लेकिन सारा मुनाफा अंग्रेज़ों को मिल रहा है और भारतीयों को अपनी पूंजी पर केवल थोड़े से ब्याज से ही संतुष्ट होना पड़ रहा है। आर्य समाज के राय मूल राज जी के मन में काफी समय से यह विचार चल रहा था कि भारतीयों का अपना राष्ट्रीय बैंक होना चाहिए और इससे सहमत होते हुए लाला जी ने भी अपने लेख में इसकी आवश्यकता पर बल दिया। राय मूल राज जी के कहने पर लाला लाजपत राय जी ने अपने कुछ चुनिंदा मित्रों को एक परिपत्र प्रेषित करके सही मायनों में स्वदेशी अभियान के पहले विशेष रजनात्मक उपाय के रूप में एक भारतीय जवाइन्ट स्टॉक बैंक बनाए जाने का आग्रह किया और इसके लिए उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। दिनांक 19 मई, 1894 को संस्था का ज्ञापन और अंतर्नियम दायर व पंजीकृत करने के बाद बैंक का गठन भारतीय कम्पनी अधिनियम (1882 का अधिनियम VI) के तहत किया गया। बैंक का प्रोस्पेक्टस ट्रिब्यून, उर्दू अखबारे आम तथा पैसा अखबार में प्रकाशित हुआ। संस्थापकों की बैठक 23 मई, 1894 को पीएनबी के पहले अध्यक्ष श्री दयाल सिंह मजिथिया के लाहौर स्थित निवास स्थान पर हुई और उन्होंने योजना पर आगे काम करने का संकल्प किया। उन्होंने लाहौर के मशहूर अनारकली बाजार में जाने-माने रामा ब्रदर्स स्टोर के पास डाकखाने के सामने मकान किराए पर लेने का निर्णय किया। दिनांक 12 अप्रैल, 1895 को यानी पंजाब के प्रसिद्ध बैसाखी त्योहार से एक दिन पहले बैंक कारोबार के लिए खुल गया। बैंक की संस्कृति की झलक पहली ही बैठक से मिल गई थी। चौदह मूल शेयर धारकों और सात निदेशकों ने बहुत की कम संख्या में शेयर लिए ताकि बैंक का नियंत्रण बहुत बढ़े क्षेत्र में फैले हुए अनेक शेयर धारकों के पास रहे। इस तरह का एकदम पेशावर रवैया न तो उस समय और न आज ही आमतौर पर दिखायी देता है।
पुरस्कार तथा सम्मान
वर्ष 2013 के दौरान अपने प्रदर्शन के कारण, बैंक ने समाज की बेहतरी के लिए सेवा प्रदान करने और अपने समग्र प्रदर्शन के कारण कई पुरस्कार एवं सम्मान अर्जित किए। हाल ही में पीएनबी को इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर्स द्वारा गोल्डन पीकॉक अभिनव उत्पाद/सेवा पुरस्कार 2014, इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक इंटरप्राइजेज द्वारा "सतर्कता उत्कृष्टता पुरस्कार", एबीपी न्यूज द्वारा 'सर्वोत्तम सीएसआर प्रथाओं वाले संगठन' हेतु 'ग्लोबल सीएसआर उत्कृष्टता और लीडरशिप अवार्ड' और 'अग्रणी वित्तीय समावेशन पहल वाला बैंक अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। इनके अतिरिक्त, बैंक को आईडीबीआरटी, हैदराबाद द्वारा सर्वश्रेष्ठ जोखिम प्रबंधन और सुरक्षा पहल श्रेणी के तहत 'आईबीए बैंकिंग प्रौद्योगिकी पुरस्कार' और ग्राहक प्रबंधन एवं व्यावसायिक उत्कृष्टता पहल श्रेणी के तहत 'बैंकिंग प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार' के साथ सम्मानित किया गया है। साथ ही, संडे स्टैंडर्ड द्वारा बैंक को कृषि ऋण एवं समावेशन के अंतर्गत 'सर्वश्रेष्ठ बैंकर' के रूप में सम्मानित किया गया है। सम्मान के रूप में, पीएनबी को भारत के सर्वश्रेष्ठ बैंकों पर फाइनेंशियल एक्सप्रेस और अर्न्स्ट एंड यंग के सर्वेक्षण द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मध्य 'सबसे लाभदायक बैंक' के रूप में चुना गया है। विश्व स्तर पर, 'दी बैंकर' पत्रिका, लंदन ने विश्व के शीर्ष 1000 बैंकों के मध्य पी.एन.बी. को 170वीं रैंक दी है। फोर्ब्स पत्रिका ने 2000 वैश्विक दिग्गजों के बीच पीएनबी को 668वां स्थान प्रदान किया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ख़रीदें पर संभलकर (हिन्दी) (पी.एच.पी) बिज़नेस स्टैंडर्ड। अभिगमन तिथि: 28 जनवरी, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
सम्बंधित लेख