पहेली 1 जून 2016: Difference between revisions
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||[[चित्र:Kapalkundala.jpg|border|right|100px|कपालकुंडला]]'बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय' 19वीं [[शताब्दी]] के [[बंगाल]] के प्रकाण्ड विद्वान तथा महान [[कवि]] और [[उपन्यासकार]] थे। [[1874]] में प्रसिद्ध देश भक्ति गीत '[[वन्देमातरम्]]' की रचना इन्होंने की, जिसे बाद में 'आनन्द मठ' नामक [[उपन्यास]] में शामिल किया गया। [[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]] ने [[1865]] में अपना पहला उपन्यास 'दुर्गेश नन्दिनी' लिखा था। '[[कपालकुंडला -बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|कपालकुंडला]]' उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक है। बंकिम दा के लेखन इतिहास में उनकी यह रचना श्रेणी में दूसरे स्थान पर आती है। 'दुर्गेश नंदिनी' के | ||[[चित्र:Kapalkundala.jpg|border|right|100px|कपालकुंडला]]'बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय' 19वीं [[शताब्दी]] के [[बंगाल]] के प्रकाण्ड विद्वान तथा महान [[कवि]] और [[उपन्यासकार]] थे। [[1874]] में प्रसिद्ध देश भक्ति गीत '[[वन्देमातरम्]]' की रचना इन्होंने की, जिसे बाद में 'आनन्द मठ' नामक [[उपन्यास]] में शामिल किया गया। [[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]] ने [[1865]] में अपना पहला उपन्यास 'दुर्गेश नन्दिनी' लिखा था। '[[कपालकुंडला -बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|कपालकुंडला]]' उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक है। बंकिम दा के लेखन इतिहास में उनकी यह रचना श्रेणी में दूसरे स्थान पर आती है। 'दुर्गेश नंदिनी' के पश्चात् बंकिम दा ने यह दूसरा उपन्यास लिखा था। 'कपालकुंडला' बंकिम दा के बेहतरीन और लोकप्रिय उपन्यासों में से एक माना जाता है। इसका [[अंग्रेज़ी]], जर्मन, [[हिन्दी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] और [[संस्कृत]] में अनुवाद हो चुका है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]], [[कपालकुंडला -बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|कपालकुंडला]] | ||
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Revision as of 07:40, 23 June 2017
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